पिछले दिनों मुख्यमंत्री अरविदं केजरीवाल ने शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया से कहा था कि वह दिल्ली सरकार के सरकारी कालेजों में दिल्ली के छात्रों को 80 फीसदी आरक्षण देने की संभावनाओं का पता लगाएं। मुख्यमंत्री को काफी संख्या में दिल्ली के छात्रों से यह शिकायतें मिल रही थीं कि वह अपने ही शहर के कालेजों में दाखिला नहीं ले पा रहे हैं। उनकी दलील थी कि दिल्ली के टैक्स पेयर्स से चल रहे कालेजों में कुछ सीटें दिल्ली के छात्रों के लिए आरक्षित की जानी चाहिए। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। जिन 28 कालेज में 85 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया गया है, उनमें 12 को दिल्ली सरकार सौ फीसदी और 16 को 15 फीसदी फंड देती है। अब इन कालेजों में नए नियमों के तहत दाखिला मिलेगा।
मालूम हो कि अभी तक दिल्ली टेक्नीकल यूनीवर्सिटी, आईपी यूनिवर्सिटी ही दिल्ली में रह रहे छात्रों को आरक्षण देती है। हर साल करीब दो लाख छात्र दिल्ली के स्कूलों से पास होते हैं और दाखिले की समस्या बनी रहती है। दिल्ली सरकार के तहत आने वाले 28 कालेज में शामिल हैं आचार्य नरेंद्र देव, अदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता, भारती, भास्कराचार्य कालेज ऑफ एप्लाइड साइसेंज, भीमराव अंबेडकर, दीन दयाल उपाध्याय, दिल्ली कालेज ऑप आर्ट्स एंड कॉमर्स, गार्गी, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजूकेशन एंड स्पोर्ट्स साइसेंज, कालिंदी, कमला नेहरू, केशव महाविद्यालय, लक्ष्मीबाई, महाराजा अग्रेसन, महर्षि वाल्मीकि कालेज ऑफ एजूकेशन, मैत्रई, मोतीलाल नेहरू, राजधानी, सत्यवती (पहली पाली), शहीद भगत सिंह (पहली पाली), शहीद राजगुरू कालेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज फॉर वूमेन, शहीद सुखदे कालेज ऑज बिजनेस स्टडीज, शिवाजी, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, सर अरविंदो, स्वामी श्रद्धानंद, विवेकानंद कालेज।