सभी सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं के सभी छात्रों की सीबीएसई परीक्षा की फीस दिल्ली सरकार देगी। बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। इससे सरकारी स्कूलों के करीब 3.14 लाख छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार पर हर साल करीब 57 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। यह फैसला मौजूदा साल से ही लागू हो गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पैसों के अभाव में किसी भी बच्चे की पढ़ाई हम नहीं रुकने देंगे। दिल्ली के हर बच्चे की पढ़ाई मेरी जिम्मेदारी है। सरकार ने बढ़ी हुई फीस समेत सारी परीक्षा फीस देने का फैसला किया है। साइंस स्टूडेंट्स की प्रैक्टिकल परीक्षा और वोकेशनल सब्जेक्ट पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की प्रैक्टिकल परीक्षा की फीस भी दिल्ली सरकार देगी।
सरकार ने दिया था आश्वासन
इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीबीएसई के शुल्क बढ़ाने के बाद दिल्ली सरकार ने यह घोषणा की थी। मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली सरकार के स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को सीबीएसई की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और दिल्ली सरकार सभी श्रेणियों के छात्रों की परीक्षा फीस का पूरा खर्च वहन करेगी और सरकार इसके लिए काम कर रही है। दिल्ली सरकार शुल्क वृद्धि को वापस लेने के संबंध में सीबीएसई से विचार-विमर्श कर रही है।
दोगुनी कर दी गई थी बढ़ोतरी
बता दें कि कक्षा 10वीं और 12वीं के सामान्य वर्ग के छात्रों के परीक्षा शुल्क में भी दोगुने की बढ़ोतरी कर दी गई थी यानी उन्हें पांच विषयों के लिए 750 रुपए की जगहर 1500 रुपए देने पड़ते। अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के लिए 375 रुपए से बढ़ाकर परीक्षा फीस 1,200 रुपए कर दी गई थी।