दिल्ली में अधिकारों को लेकर मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच चली खींचतान के बाद बुधवार को इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने एलजी को सरकार की सलाह पर काम करने को कहा है। वहीं, अब दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलने का वक्त भी मांगा है।
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए माननीय एलजी के सहयोग और समर्थन के लिए आज उनका समय मांगा है।
अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। पार्टी कोर्ट के फैसले के बाद आगे की रणनीति पर विचार कर सकती है। सभी विधायकों को अपने काम की पेंडिंग लिस्ट लेकर पहुंचने को कहा गया है।
फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय पर कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें सभी मंत्रियों के विभागों में लंबित पड़े कामकाज से जुड़ी फाइलों को तलब किया गया। हालांकि बीजेपी की ओर से इसे आप सरकार की हार बताया गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि सभी विभागों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरुप काम करने का निर्देश दे दिया गया है।
सर्विसेज विभाग ने लौटाई सिसोदिया की फाइल
दिल्ली सरकार और एलजी के बीच अधिकारों को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया लेकिन फैसले के चंद घंटे के भीतर ही फिर से अधिकारों पर तकरार शुरू हो गई। सर्विसेज विभाग ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की भेजी गई फाइल को लौटा दिया है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल के बीच काफी लंबे समय से चल रही जंग के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं, एलजी को कैबिनेट की सलाह के अनुसार ही काम करना होगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना मुमकिन नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार ही राज्य को चलाने के लिए जिम्मेदार है। फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर खुशी जताई। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में लोकतंत्र की जीत हुई है। आम आदमी पार्टी लगातार आरोप लगाती रही है कि केंद्र की मोदी सरकार एलजी के जरिए अपना एजेंडा आगे बढ़ा रही है और राज्य सरकार को काम नहीं करने दे रही है।