राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी उफान पर होने के कारण कई इलाकों में बाढ़ के पानी से सड़कें जलमग्न हो गईं। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। वहीं, दिल्ली सरकार ने सीमाओं से भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया और को राज्यों से आने वाले बसों पर भी फैसला लिया है।
दरअसल, बाढ़ की स्थिति के बीच दिल्ली सरकार ने सिंघु बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, लोनी बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर से भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही यह निर्देश दिए गए कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड से अंतरराज्यीय बसें आईएसबीटी कश्मीरी गेट पर समाप्त होकर सिंघू सीमा पर समाप्त होंगी।
इस आदेश में कहा गया, "उपरोक्त निर्देश आगामी आदेश तक लागू रहेंगे। ये निर्देश आवश्यक वस्तुएं यानी दवाइयां, कच्ची सब्जियां, फल ले जाने वाले ट्रक पर लागू नहीं होंगे। अनाज, दूध, अंडे, बर्फ आदि, जिनका उपयोग खाद्य पदार्थों और पेट्रोलियम उत्पादों को ले जाने वाले टैंकरों के रूप में किया जाना है।
यमुनानगर जिले के हथिनीकुंड बैराज में जलस्तर बढ़ा
अधीक्षण अभियंता, आरएस मित्तल ने स्थिति पर जानकारी देते हुए कहा, "कल पानी का स्तर नीचे जाना शुरू हो गया था लेकिन कल रात से यह फिर से बढ़ना शुरू हो गया...ऐसा नहीं लगता कि अभी पानी का स्तर और नीचे जाएगा।"
डीडीएमए की बैठक के फैसले
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, " स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय रविवार तक बंद रहेंगे। आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले कार्यालयों को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालयों में घर से काम होगा।"
उन्होंने कहा, "निजी दफ्तरों के लिए भी वर्क फॉर होम की एडवाइजरी जारी की जा रही है। पानी की राशनिंग करनी होगी क्योंकि 3 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद हैं और लोगों को एक-दो दिन पानी संकट का सामना करना पड़ेगा। "