दिल्ली में निर्बाध बिजली आपूर्ति करने में इन कंपनियों के निराशाजनक प्रदर्शन की वजह से सरकार यह कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, लगातार चेतावनियों के बावजूद उनके प्रदर्शन में सुधार निराशाजनक ही रहने की वजह से सरकार उनके लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रही है। सूत्र ने कहा कि कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चेतावनी दी थी कि यदि उनके प्रदर्शन में सुधार नहीं होता है तो सरकार कड़ा कदम उठाएगी। बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी को पिछले सप्ताह इन कंपनियों के घटिया प्रदर्शन और राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की अभूतपूर्व कटौती के बारे में पत्र लिखा और उनसे बैठक के लिए दिल्ली आने के लिए भी कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि शहर के लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्र में बिजली आपूर्ति करने वाली बिजली वितरण कंपनियों ने सरकार की ओर से कड़ी चेतावनियों के बाद सुधार दिखाने के लिए आंकड़ों में हेरफेर शुरू कर दी है।
बीएसईएस की इकाइयां बीआरपीएल (बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड) और बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड) क्रमश: 12 लाख और 16 लाख ग्राहकों को बिजिली की आपूर्ति करती हैं। शहर के बिजली क्षेत्र का वर्ष 2002 में निजीकरण कर दिया गया था। जैन ने अपने पत्र में कहा, बीएसईएस का प्रदर्शन अब तक घटिया रहा है। उम्मीद की जा रही थी कि आप कीमतों में कमी लाएंगे और राजधानी दिल्ली में एक ऐसा विश्वस्तरीय विद्युत तंत्र स्थापित करेंगे, जो दुनिया में किसी भी अन्य विद्युत तंत्र से बेहतर होगा। आप ऐसा करने में विफल रहे हैं। उन्होंने लिखा, इसके अलावा आपकी कंपनियों द्वारा कोष से बेईमानी करके धन निकालने समेत कई वित्तीय अनियमित्ताएं करने और अन्य भ्रष्टाचार के आरोप हैं। उन्होंने लिखा, बार-बार बैठकों और बीएसईएस के वरिष्ठ अधिकारियों को चेतावनियां दिए जाने के बावजूद बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हुई। जैन ने लिखा, यदि बिजली की कटौती 10 बार होती है तो आपकी कंपनी की दैनिक रिपोर्ट में सिर्फ सात कटौतियां दिखाई जाती हैं और जानबूझकर तीन कटौतियों को हटा दिया जाता है।