दिल्ली में स्किल डवलपमेंट और आंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। शुरुआत में इसमें 50 हजार एडमिशन होंगे और छात्रों को नौकरी की गारंटी होगी। दिल्ली के वोटर्स को इसमें आरक्षण मिलेगा। यह घोषणा सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सारे आईटीआई इस यूनिवर्सिटी में मर्ज हो जाएंगे। साथ ही दिल्ली के वोटर्स के लिए इस यूनिवर्सिटी में 85 फीसदी सीटें रिजर्व होंगी। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर दिल्ली सरकार को चिंता है, इसलिए ये यूनिवर्सिटी खोलने का फैसला किया है।
रोजगार पर होगा फोकस
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूनिवर्सिटी का पूरा फोकस ज्यादा से ज्यादा छात्रों को रोजगार देना रहेगा। इसका आकलन रोजगार के स्तर को देखकर किया जाएगा। शुरु में शुरू में 50,000 एडमिशन होंगे। इसमें कक्षा 10 वीं, 12 वीं, स्नातक या अंशकालिक जैसे विभिन्न प्रवेश स्तरों पर कार्यक्रम होंगे। पाठ्यक्रम की अवधि भी छह महीने से दो साल तक की होगी। पाठ्यक्रम लचीला होगा और बाजार की बदलती जरूरतों के अनुसार होगा।
शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा बिल
केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद आगामी शीतकालीन सत्र में इसके लिए एक बिल लाया जाएगा। इसके पारित होने के बाद यह यूनिवर्सिटी एक साल में शुरु हो जाएगी। ओखला में स्थित दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टूल इंजीनियरिंग इसका मुख्यालय होगा। बता दें कि पिछले हफ्ते केजरीवाल ने यह भी घोषणा की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में एक 'स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी' स्थापित की जाएगी।