दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल की घोर लापरवाही सामने आई है। अस्पताल ने नवजात जुड़वा बच्चों को मृत बताकर शव परिजनों को सौंप दिए। लेकिन, अंतिम संस्कार से पहले इनमें से एक नवजात जिंदा निकला। पीतमपुरा के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। दिल्ली सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी राज्य सरकार को मामले की जांच कर आवश्यक कदम उठाने को कहा है।
नवजात के परिजनों ने पुलिस से भी शिकायत की है। परिजनों ने बताया कि वर्षा को 28 नवंबर को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने कहा कि उसकी हालत गंभीर है और पेट में पल रहे नवजातों के बचने की उम्मीद बेहद कम है। 30 नवंबर की सुबह उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। डॉक्टरों ने परिवार को बताया कि दोनों मृत पैदा हुए हैं और एक प्लास्टिक बैग में शव सौंप दिए। बच्चों को अंतिम संस्कार के लिए जब परिजन ले जा रहे थे तो नवजात के पिता आशीष को महसूस हुआ कि बैग में बच्चा हरकत रहा है। बैग खोलने पर एक बच्चे की सांस चल रही थी।
मैक्स अस्पताल ने बयान जारी कर घटना पर अफसोस जताया है। बयान में कहा गया है कि 22 हफ्ते के प्री-मैच्योर जुड़वा नवजातों को जीवित होने के कोई संकेत नहीं दिखने पर परिवार को सौंप दिया गया था। हमने संबंधित डॉक्टर को छुट्टी पर भेज मामले की जांच शुरू कर दी है। हम लगातार परिवार के संपर्क में हैं और उनकी हर जरूरी मदद कर रहे हैं।