आठ फरवरी को दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के कार्यकाल को एक महीने आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। गृह मंत्रालय ने पटनायक का कार्यकाल बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी। सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग ने यह निर्णय आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए लिया है। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए 8 फरवरी को मतदान होगा और परिणाम 11 फरवरी को आएंगे।
चिदंबरम ने कहा, फैसला समझ से परे
केंद्र शासित प्रदेश होने के कारण दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन है। उनके कार्यकाल को एक महीना आगे बढ़ाने पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का कहना है कि उनके कार्यकाल को बढ़ाना, ‘समझ’ से परे है। चिदंबरम का मानना है कि यह ऐसे वक्त में हो रहा है जब कल जामिया मिलिया इस्लामिया का एक छात्र घायल हो गया है, वह भी पुलिस की मौजूदगी में। पुलिस मूक दर्शक बनी देखती रही और एक युवक ने पिस्तौल से गोली दाग दी। चिदंबरम ने यह भी जानना चाहा है कि इस घटना के बाद क्या किसी पुलिस वाले को निलंबित किया गया है?
चिदंबरम ने पटनायक के कार्यकाल में बढ़ोतरी को लेकर कहा, “दिल्ली पुलिस कमिश्नर को उस दिन सेवा विस्तार मिला है, जिस दिन पर्याप्त पुलिस बल की मौजूदगी में गोली चलती है। यह घोर निंदनीय है। इस घटना पर कोई निलंबन नहीं होता बल्कि मुखिया का कार्यकाल बढ़ा दिया जाता है।”
दिल्ली पुलिस सवालों के घेरे में
एजीएमयूटी कैडर के 1985 बैच के अधिकारी, पटनायक ने जनवरी 2017 में दिल्ली पुलिस प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था। पिछले कुछ हफ्तों से उनका कार्यकाल विवादों से भरा हुआ था। नागरिकता संशोधन कानून विरोध के दौरान दिल्ली पुलिस के व्यवहार पर कई लोगों ने आरोप लगाए हैं। दिल्ली पुलिस विभाग को 15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में कार्यवाही करने के लिए बहुत ज्यादा आलोचना सहनी पड़ी। पुलिस पर आरोप है कि वे बिना आज्ञा परिसर में घुसे और और कई छात्रों के साथ बदसलूकी की। इसके बाद दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता ने तब और तूल पकड़ लिया जब 5 जनवरी को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में नकाबपोश भीड़ के हमले को रोकने में वे विफल रहे थे।