हिंदी दिवस से पांच दिन पहले नौ सितंबर को एक परिपत्र के माध्यम से अपराध शाखा, विशेष शाखा, यातायात और लाइसेंसिंग जैसी प्रशासनिक और विशेष इकाइयों के अलावा सभी 11 पुलिस जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया गया। परिपत्र में बस्सी ने कहा कि राजभाषा का इस्तेमाल करने से आम आदमी की बेहतर तरीके से सेवा करने में मदद मिलेगी क्योंकि इससे संप्रेषण का स्तर सुधरेगा।
परिपत्र के अनुसार, हमें सभी भाषाएं प्रिय हैं, लेकिन हिंदी हमारी मातृभाषा है और राजभाषा है। इसलिए यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि हमारे विभाग में सभी सरकारी कामकाज अब से सामान्य हिंदी या बातचीत की हिंदी में हों।
पुलिस आयुक्त ने अपने बल को सभी सरकारी कागजात हिंदी में तैयार करने का भी निर्देश दिया। दिल्ली पुलिस में डीसीपी और इससे ऊंचे दर्ज के करीब आधा दर्जन वरिष्ठ अधिकारी पूवर्ोत्तर राज्यों से हैं और उत्तर भारतीयों की तरह हिंदी में पारंगत नहीं हैं। परिपत्र के बारे में पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने कहा कि इसका उद्देश्य आम आदमी के साथ बेहतर संवाद करना है।