दिल्ली के गृह तथा स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बताया कि सरकार ने योजना का मसौदा तैयार किया है, जिसके तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत सहायता पहुंचाने वालों को ईनाम दिया जाएगा। उपराज्यपाल नजीब जंग के पास मंजूरी के लिए भेजने से पहले इस मसौदे को इस महीने के अंत तक कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। योजना के तहत, पीड़ितों को अस्पताल ले जाने वाले टैक्सी और आॅटो रिक्शाचालकों को भी ईनाम दिया जाएगा। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीड़ितों की सहायता करने वालों को यदि कोई दिक्कत आती है या पुलिस उन्हें प्रताड़ित करती है तो सरकार उन्हेंं कानूनी सहायता मुहैया कराएगी। पश्चिम दिल्ली के सुभाष नगर इलाके में एक तेज रफ्तार डिलीवरी वैन ने 35 वर्षीय एक सुरक्षा गार्ड को टक्कर मार दी थी और कोई भी राहगीर एक घंटे तक उसकी मदद करने के लिए नहीं आया, जिससे सड़क पर ही उसकी मौत हो गई। जबकि एक रिक्शा चालक मृतक का मोबाइल फोन उठा ले गया। इस घटना के एक दिन बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
पूरी घटना सुभाष नगर इलाके में मेराज सिनेमा के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जहां गार्ड मतीबुल को अल सुबह एक डिलीवरी वैन ने टक्कर मार दी। जैन ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी उसकी मदद करने के लिए आगे नहीं आया। सरकार ने एक प्रोत्साहन योजना तैयार की है जिसके तहत टैक्सी और आॅटो चालकों सहित जो लोग सड़क हादसे के पीड़ितों को अस्पताल लेकर जाएंगे उन्हें ईनाम दिया जाएगा। जैन ने कहा कि इस बाबत एक कैबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है। मंत्री ने कहा कि आमतौर पर लोग सड़क हादसों के पीड़ितों को अस्पताल लेकर नहीं जाते। उन्हें डर होता है कि पुलिस उनसे पूछताछ कर सकती है। उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय के निर्देश हैं कि दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वालों का उत्पीड़न या उनसे पूछताछ नहीं की जा सकती है।