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दिल्ली दंगा: हत्या की चश्मदीद गवाह ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, पुलिस ने नहीं दर्ज की FIR; पहुंची कोर्ट

जब 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के भागीरथी विहार में दंगे भड़के थे तो दो बच्चों की 23 वर्षीय मां...
दिल्ली दंगा: हत्या की चश्मदीद गवाह ने लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, पुलिस ने नहीं दर्ज की FIR; पहुंची कोर्ट

जब 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के भागीरथी विहार में दंगे भड़के थे तो दो बच्चों की 23 वर्षीय मां ने दावा किया कि उसने कुछ युवकों को एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति के साथ चाकू से हमला करते हुए देखा। उस महिला ने दंगाइयों द्वारा उन पर यौन उत्पीड़न और हत्या के प्रयास का भी आरोप लगाया। महिला का दावा है कि जब उसने 13 मार्च को गोकलपुर पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत की थी तो पुलिस ने शिकायत को स्वीकार कर लिया लेकिन एफआईआर नहीं दर्ज की। पुलिस से बार-बार कहने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। सामाजिक कार्यकर्ता और महिला वकील बहादुर अब्बास कहती हैं, “हमने एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में एक आवेदन दिया है। चश्मदीद महीला को जान का खतरा है क्योंकि वह उस हमले की गवाह है।"

इस बाबत आउटलुक ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या को शिकायत की कॉपी भेजी, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

अपनी शिकायत में महिला ने कहा है कि 24 फरवरी को उसे अपने एक परिचित का फोन आया कि इलाके में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए हैं। दोपहर के आसपास, उसने अपने घर के बाहर जोर से रोने की आवाज सुनी। वह छत पर गई और देखा कि तीन युवकों ने इलाके के अन्य लोगों के साथ मिलकर एक व्यक्ति पर हमला कर दिया। कुछ लोगों ने उस व्यक्ति के हाथों और पैरों को पकड़ रखा था, जबकि दो अन्य ने उनकी गर्दन पर चाकुओं से हमला किया था। वह गंभीर रूप से घायल था और खून बह रहे थे। डर से मैंने पीछे हटते हुए उन्हें यह कहते हुए सुना कि उन्होंने उसे खत्म कर दिया है।

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वो आगे कहती है, "अगले दिन 25 फरवरी की सुबह लगभग 10 बजे वो मेरे घर में घुस गए और मेरे कपड़े फाड़ दिए। जब मैंने विरोध किया, तो उन्होंने मुझे और मेरे बच्चों को पीटा। उन्होंने मुझसे मेरा कीमती सामान लूट लिया लेकिन किसी तरह मैं खुद को और अपने बच्चों को संभाल पाई।“

आउटलुक से बातचीत में महिला ने कहा कि दंगा और लूटपाट की इन सभी गतिविधियों में शामिल दो युवक उसके मकान मालिक के बेटे हैं। वो कहती हैं, मेरी मकान मालकिन ने मुझे दो दिन बाद 27 फरवरी को बुलाया और मुझे अपना सामान इकट्ठा करने के लिए कहा लेकिन मैंने जाने से मना कर दिया। मैंने उससे कहा कि उनके बेटे एक हत्या में शामिल थे और अगर मैं जाऊंगी, तो मेरी भी हत्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि उनके पास धमकी भरे कॉल आ रहे हैं। महिला वकील अब्बास का कहना है कि वह अदालत से अनुरोध करेगी कि वह अपने मुवक्किल के मामले को प्राथमिकता पर ले और पुलिस को मामले की जांच करने का निर्देश दे।

 

 

 

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