साल के फरवरी महीने में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे मामले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है। पुलिस ने दाखिल चार्जशीट में कहा है कि दंगों के दौरान कुछ दंगाई व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए (सभी) संपर्क में थे और इनलोगों ने ‘जय श्री राम’ नहीं कहने पर 9 मुसलमानों को मार डाला। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि सभी आरोपी मुसलमानों से ‘बदला’ लेने के लिए 25 फरवरी को बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप ‘कट्टर हिंदुत्व एकता’ से जुड़े हुए थे। इस ग्रुप का इस्तेमाल आपस में संपर्क में रहने और एक-दूसरे को, हथियार-गोला बारूद मुहैया कराने के लिए किया गया।
इस दंगे में करीब 59 लोगों की मौत हुई थी जबकि दो सौ से अधिक लोग घायल हुए थे। कोर्ट मामले की सुनवाई 13 जुलाई को करेगी।
नौ लोगों की हत्या को लेकर 29 जून को दाखिल हुई थी चार्जशीट
चार्जशीट में पुलिस ने कहा गया है कि व्हाट्सएप ग्रुप बनाने वाला अभी भी फरार है। इसमें कहा गया है कि 25 फरवरी को 12 बजकर 49 मिनट पर ‘कट्टर हिंदुत्व एकता’ ग्रुप को बनाया गया था। शुरूआत में इस समूह में 125 सदस्य थे। इनमें से 47 लोग 8 मार्च को ग्रुप से बाहर हो गए थे। मारे गए नौ लोगों में अमीन, हमजा, मुर्सलीन, भूरे अली, आस मोहम्मद, अकील अहमद, मुशर्रफ और हाशिम अली और उनके बड़े भाई आमिर खान के मामले में एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विनोद कुमार गौतम के सामने 29 जून को चार्जशीट दाखिल की गई थी।
दिल्ली पुलिस ने दाखिल चार्जशीट में कहा, "जांच के दौरान यह साबित हुआ कि 25 फरवरी की सुबह से लेकर 26 फरवरी की आधी रात्रि तक हिंदुओं का एक ग्रुप एक्टिव था। आरोपी जतिन शर्मा, विवेक पंचाल, लोकेश सोलंकी, ऋषभ चौधरी, प्रिंस, पंकज शर्मा, सुमित चौधरी, अंकित चौधरी और हिमांशु ठाकुर ने अन्य ज्ञात और अज्ञात हिंसा भड़काने वालों के साथ मिलकर दिल्ली के भागीरथी विहार इलाके और अन्य स्थानों पर 9 मुस्लिम लोगों की हत्या कर दी जबकि कई अन्य को घायल कर दिया।" दाखिल रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया, "यह इस बात को भी दर्शाता है कि वे दंगा करने में और मुसलमानों पर हमला करने में संलिप्त थे और उन्होंने इस दंगे के दौरान कई लोगों की हत्या की।"
पहचान कर और ‘जय श्री राम’ बोलने को मजबूर कर की गई हत्या
चार्जशीट में पुलिस ने कहा, "वे नाम-पता पूछकर लोगों को पकड़ रहे थे और आईडी कार्ड दिखाने के लिए कहते थे। कई बार उन्हें ‘जय श्री राम’ कहने के लिए भी मजबूर किया गया। जो लोग ‘जय श्री राम’ नहीं बोलते थे या उनकी मुस्लिम पहचान साबित होने पर बेरहमी से उनपर हमला कर दिया जाता था और शव को भागीरथी विहार के मेन गंदे नाले में फेंक दिया जाता था।"
इस तरह के मैसेज व्हाट्सएप ग्रुप में भेजे गए
पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक एक आरोपी लोकेश सोलंकी ने 25 फरवरी को व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज किया था, "गंगा विहार क्षेत्र के इस तरफ भाई लोकेश सोलंकी है, अगर किसी भी हिंदू को जरूरत हो तो संपर्क करे। हमारे पास आदमी, हथियार और कारतूस हैं। भागीरथी विहार क्षेत्र में मैंने दो मुसलमानों को मार डाला और अपने साथियों की मदद से उन्हें नाले में फेंक दिया।"