एक ओर उत्तर भारत जहां ठंड और कोहरे की चादर में लिपटा हुआ है। वहीं, राजधानी दिल्ली- एनसीआर के हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली की आबो-हवा जहरीली हो गई है। प्रदेश के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। राजधानी में आसमान धुएं की एक मोटी परत से छिप गया और प्रदूषण का स्तर इस मौसम में पहली बार 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया।
वैज्ञानिकों ने अगले दो सप्ताह के दौरान दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की चेतावनी जारी की है। वहीं, चिकित्सकों ने सांस संबंधी समस्याओं के बढ़ने की चेतावनी जारी की।
गुरुवार को राजधानी की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 392 यानी 'बेहद खराब' श्रेणी में रहा और यहां दिनभर धुंध छाई रही। वहीं शुक्रवार को भी दिल्ली की हवा 'बेहद खराब' श्रेणी में है। वहीं, शुक्रवार को ओवर ऑल दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 346 दर्ज किया गया। सफर एप के मुताबिक लगातार छठवें दिन दिल्ली की हवा बेहद खराब स्थिति में है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। लोधी रोड इलाके में एक्यूआई 438, जहांगीरपुरी में 491, आरके पुरम इलाके में 486 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी 3) के आसपास 473 है।
वहीं, राजधानी की वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब रहने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कहा है कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में गिरावट के मनोवैज्ञानिक पहलू की जांच करने की जरूरत है और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सहित विभिन्न सरकारी अधिकारियों और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक से जवाब मांगा है।
बता दें कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।