देश की राजधानी दिल्ली में 2016 की तुलना में 2017 में 11 फीसदी अपराध बढ़ गए। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की सोमवार को जारी रिपोर्ट से यह बात सामने आई। एनसीआरबी के मुताबिक, 2017 में सभी केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली में अपराध दर सबसे अधिक रही, जो कि देश में दर्ज कुल मामलों का 4.9 फीसदी है। 2017 का यह सालाना क्राइम डाटा एक साल की देरी से जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि दिल्ली की तुलना में अधिक मामले गुजरात (6.7), केरल (13.1), मध्य प्रदेश (7.6), महाराष्ट्र (9.3), तमिलनाडु (8.4) और उत्तर प्रदेश (12) जैसे राज्यों में दर्ज हुए।
राष्ट्रीय राजधानी में 2017 में दो लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए। यह देशभर में दर्ज किए गए कुल मामलों का 4.9 फीसदी है। आंकड़ों के मुताबिक, कुल 2,44,714 मामलों में से 2,32,066 मामले इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा के तहत दर्ज किए गए, जबकि 12,648 मामले विशेष और स्थानीय कानून के तहत दर्ज किए गए।
एनसीआरबी केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आता है और यही देश के स्थानीय और विशेष कानून तथा आईपीसी के तहत दर्ज मामलों के आंकड़े इकट्ठा करता है। साथ ही, उसका विश्लेषण भी करता है। आंकड़े के मुताबिक, 2017 में आईपीसी की धारा 302 के तहत दर्ज किए गए और 1229 मामले धारा 302 बी( दहेज हत्या), धारा 307 (हत्या का प्रयास), 354डी (पीछा करना) और 376 (रेप) के तहत दर्ज किए गए। एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक, 2017 में 3,147 मामले डकैती, 9828 मामले चोरी और 2,976 मामले धोखाधड़ी के दर्ज किए गए।
एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक, 2017 में देश में गंभीर अपराध के 50 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। 2016 में 48 लाख दर्ज एफआईआर की तुलना में 2017 में 3.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। बता दें कि करीब एक साल की देरी के बाद 2017 के लिए वार्षिक अपराध का आंकड़ा जारी किया गया है।