जम्मू-कश्मीर के सरकारी अस्पतालों में 31 दिसंबर की मध्यरात्रि से इंटरनेट शुरु करने की घोषणा पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। स्वास्थ्य सेवा कश्मीर के निदेशक समीर मट्टू ने बुधवार को कहा कि निदेशालय के अस्पतालों में अभी तक इंटरनेट सेवाओं को बहाल नहीं किया गया है, क्योंकि इस बारे में सरकार से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
मंगलवार को, विकास और निगरानी विभाग के प्रमुख सचिव नियोजन रोहित कंसल ने घोषणा की थी कि सभी सरकारी अस्पतालों में शॉर्ट मैसेजिंग सर्विस (एसएमएस) और ब्रॉडबैंड सेवाओं को कश्मीर घाटी में आधी रात को बहाल कर दिया जाएगा। हालांकि, कंसल ने कहा कि सरकार ने घाटी के कई अस्पतालों में ब्रॉडबैंड सेवाओं को बहाल कर दिया है। वहीं, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने आधी रात से एसएमएस सेवा बहाल कर दी है जबकि निजी दूरसंचार ऑपरेटरों - जियो, एयरटेल, और वोडाफोन ने कहा कि वे अभी तक एसएमएस सेवाओं को फिर से शुरू नहीं कर पाए हैं। कंसल ने कहा कि एसएमएस सेवा कल से पूरी तरह से बहाल कर दी जाएगी। कुछ टेलीकॉम कंपनियां तकनीकी गड़बड़ियों के कारण सेवा बहाल नहीं कर पाई हैं।
5 अगस्त को बंद कर दी गई थीं सेवाएं
कश्मीर घाटी में 66 लाख मोबाइल फोन उपभोक्ता हैं जिसमें 40 लाख पोस्ट-पेड और 26 लाख प्री-पेड मोबाइल फोन उपभोक्ता हैं। सरकार ने 5 अगस्त को राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद मोबाइल, इंटरनेट और लैंडलाइन सेवाओं को बंद कर दिया था। बाद में सरकार ने पूरे कश्मीर में लैंडलाइन और पोस्ट-पेड सेवाओं को फिर से शुरू कर दिया था लेकिन प्री-पेड मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं अभी भी सस्पेंड हैं। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, जीबी पंत, एसएमएचएस अस्पताल और श्रीनगर में अन्य अस्पतालों सहित प्रमुख स्वास्थ्य सुविधाएं बिना इंटरनेट सेवाओं के जारी रहीं।
बिलिंग से जुड़े हैं कुछ मुद्दे
एसएमएचएस में काम करने वाले एक कार्डियोलॉजिस्ट ने कहा, '' मैं यह देखने के लिए वार्ड नंबर 3 में गया था कि हमारे अस्पताल (एसएमएचएस) में ब्रॉडबैंड सेवाएं फिर से काम कर रही हैं, लेकिन उन्हें अभी तक बहाल नहीं किया गया है। कश्मीर के संभागीय आयुक्त बशीर अहमद खान ने कहा कि अस्पतालों में बिलिंग से संबंधित कुछ मुद्दे हैं और इसे हल किया जाएगा।
नहीं रखते शुरु करने में दिलचस्पी
नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंटरनेट सेवा बहाली की घोषणा के 24 घंटे बाद भी उनसे स्वास्थ्य विभाग या किसी अन्य अस्पताल के किसी अधिकारी ने बात नहीं की।
उन्होंने कहा कि कुछ अस्पतालों में बिलिंग और अन्य में लैंडलाइन की कटौती के मुद्दे हैं। इन मुद्दों से निपटा जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि कुछ एचओडी अपने विभागों में इंटरनेट सेवाओं को रखने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं, क्योंकि वे नतीजों से डरते हैं। अगर पुलिस की मानें तो इंटरनेट सेवाओं का दुरुपयोग किया गया था।