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यस बैंक घोटाला मामले में डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन सीबीआई हिरासत में

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने डीएचएफएल के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वधावन को हिरासत में ले लिया है।...
यस बैंक घोटाला मामले में डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन सीबीआई हिरासत में

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने डीएचएफएल के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वधावन को हिरासत में ले लिया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने रविवार को ये जानकारी द्वीट कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि सतारा पुलिस केंद्रीय जांच एजेंसी को हर तरह का सहयोग प्रदान कर रही है। दरअसल, यस बैंक घोटाला मामले में बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर एवं अन्य के खिलाफ रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। इसी बाबत इन दोनों को महाबलेश्वर से हिरासत में लिया गया है। अपने ट्वीट में राज्य के गृह मंत्री ने लिखा, “सीबीआई की टीम ने डीएचएफएल के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वधावन को हिरासत में लिया है। सतारा पुलिस सभी आवश्यक सहायता सीबीआई को प्रदान कर रही है। कानून सभी के लिए बराबर है।”

महाबलेश्वर जाने के दौरान पकड़े गए थे

मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम के तहत वित्तीय अनियमितता मामले में बीते 21 फरवरी को जमानत मिली थी। जिसके बाद देश में फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर किए गए लॉकडाउन के दौरान अप्रैल की शुरुआत में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए मुंबई से कार से महाबलेश्वर जाने की वजह से पकड़े गए थे। जिसके बाद उन्हें क्वारेंटाइन किया गया। इस बाबत देशमुख ने बुधवार को दोनों की क्वारेंटाइन अवधि खत्म होने के बाद सीबीआई से हिरासत में लेने का अनुरोध किया था। 

क्या है आरोप

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक घोटाला 2018 के अप्रैल-जून के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने डीएचएलएफ के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। आरोप के मुताबिक इसके बदले वधावन ने कथित रूप से राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया। 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर मदद का आरोप

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने यह भी बताया कि कथित रूप से इन दोनों की लॉकडाउन में यात्रा करने को लेकर किए गए मदद के मद्देनजर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। अधिकारी ने इन दोनों को यात्रा करने की अनुमति दी थी। जिस रिपोर्ट को आज या कल में पेश किया जाएगा।

बता दें कि राज्य गृह के प्रमुख सचिव आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता पर लॉकडाउन के दौरान यात्रा करने के लिए दोनों को चिकित्सा आपातकालीन अनुमति पत्र सौंपने का आरोप है। मामला प्रकाश में आने के बाद, राज्य सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सौनिक से गुप्ता के भूमिका की जांच करने का जिम्मा सौंपा है और अमिताभ गुप्ता को अवकाश पर भेज दिया गया है।

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