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डीआईजी जेल ने कहा,शशिकला को जेल में मिल रहा है वीआईपी ट्रीटमेंट

जेल डीआईजी, डी. डी. रूपा ने आरोप लगाया है कि एआईएडीएमके की जनरल सेक्रेटरी शशिकला को सेंट्रल जेल का स्टाफ वीआईपी ट्रीटमेंट दे रहा है। उनके मुताबिक, जेल के कई सीनियर स्टाफ गैरकानूनी गतिविधियों की इजाजत दे रहे हैं।
डीआईजी जेल ने कहा,शशिकला को जेल में मिल रहा है वीआईपी ट्रीटमेंट

डीजी और आईजी को लिखे खत में रूपा ने यह आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा है कि शशिकला को खाना पकाने के लिए अलग से कमरा दिया गया है। शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार साल जेल की सजा सुनाई है। वे अभी पारापन्ना अग्रहारा सेंट्रल जेल में बंद हैं।

वहीं, स्टैंप पेपर घोटाले के दोषी अब्दुल करीम तेलगी को सहयोगियों के तौर पर अंडर ट्रायल कैदी मुहैया कराए गए हैं। इसके साथ ही रूपा ने अपने लेटर में लिखा है कि जेल के नियमों के उल्लंघन के कई मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि शशिकला ने वीआईपी ट्रीटमेंट के लिए दो करोड़ रुपये घूस दिया है। लेटर में लिखा है कि आपसे दरख्वास्त है कि आप इस मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई करें और नियम तोड़ने वाले लोगों को सजा ‌दिलवाएं।

कैदी लेतें हैं ड्रग

इसके साथ ही लेटर में इस बात का भी जिक्र है कि बीते 10 जुलाई को जिन 25 कैदियों का ड्रग टेस्ट हुआ, उनमें से 18 के नतीजे पॉजिटिव निकले। लेटर में उन लोगों के नाम और उनके शरीर में मौजूद ड्रग्स का जिक्र है। अधिकतर कैदियों के शरीर में गांजा के अंश मिलने की बात कही गई है। साथ ही लेटर में कुछ खास मामलों का जिक्र है जिन पर सीनियर अधिकारियों ने एक्शन नहीं लिया है। इसमें वह मामला भी शामिल है, जिसमें एक कैदी ने जेल के अस्पताल में डॉक्टर पर हमला कर दिया जबकि एक अन्य ने नर्स के साथ धक्कामुक्की करने की कोशिश की। रूपा ने यह भी कहा है कि उन्होंने एक लेटर डीजी जेल को भी लिखा है। हालांकि डीजी. जेल सत्यनाराण राव का कहना है कि किसी भी कैदी को वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा है। अगर डीआईजी को कोई सूचना मिली थी तो उन्हें मुझे जानकारी देनी चाहिए थी, मीडिया के पास नहीं जाना चाहिए था। मुझे अभी भी ऐसा कोई लेटर नहीं मिला है।

गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला जेल में सजा काट रही हैं। इससे पहले भी उन पर आरोप लग चुके हैं कि नियमों को ताक पर रखकर उन्होंने बंदी रहने के दौरान कई लोगों से मुलाकात की।

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