हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के अयोग्य ठहराए गए छह विधायकों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ‘‘बेनकाब’’ करने की धमकी देते हुए कहा कि वे सुक्खू के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करेंगे।
एक संयुक्त बयान में इन छह कांग्रेसी विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने कहा कि उन्होंने सुक्खू के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने का फैसला किया है और मुख्यमंत्री उन आरोपों को साबित करने के लिए जवाबदेह होंगे जो उन्होंने विधायकों पर लगाए हैं।
विधानसभा में वित्त विधेयक (बजट) पर मतदान से अनुपस्थित रहने वाले छह तत्कालीन विधायकों को सदन में उपस्थित रहने और सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने को लेकर अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस विधायकों- राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, सुधीर शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो तथा निर्दलीय विधायक के एल ठाकुर, होशियार सिंह एवं आशीष शर्मा ने कहा कि वे जनता को बताएंगे कि पिछले 14 महीनों के दौरान उन्हें कैसे अपमानित किया गया और उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विकास का काम बंद कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू घबरा गए हैं, क्योंकि सत्ता उनके हाथ से फिसलती जा रही है और उन्हें डर है कि अगर सत्ता चली गई तो उनके ‘कर्म’ उजागर हो जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए दरवाजे बंद कर दिए, कांग्रेस के घोषणापत्र को कूड़ेदान में फेंक दिया गया और गंभीर वित्तीय संकट के दौरान भी ‘चहेतों’ को पुरस्कृत किया जा रहा है।