राज्य सरकार ने यह कदम शादी समारोहों में खाद्य पदार्थो की बर्बादी व दिखावा रोकने के लिए उठाया है। जम्मू कश्मीर में अब निमंत्रण कार्ड के साथ मिठाई या मेवों के डिब्बे नहीं बांटे जा सकते। लड़के की शादी में 400 से अधिक मेहमान आमंत्रित नहीं किए जा सकते और लड़की की शादी में मेहमानों की संख्या 500 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
शगुन, जन्मदिन या अन्य कोई छोटा समारोह है तो उसमें 100 से अधिक मेहमान बुलाने पर सरकारी कार्रवाई होगी। शादी समारोह में मेहमानों को सात सब्जियों से अधिक नहीं परोसी जा सकती, चाहे वो शाकाहारी हो या मांसाहारी। दो से अधिक मिष्ठान नहीं दे सकते। अगर समारोह में खाने-पीने के लिए प्लास्टिक सामग्री का इस्तेमाल हुआ तो समारोह खत्म होने के बाद इसका उचित निपटारा करना होगा, अन्यथा कार्रवाई होगी।
सूबे के खाद्य, जन-वितरण व उपभोक्ता मामलों के मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली ने कहा कि सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर को आदेश का पालन करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जुल्फिकार ने कहा कि उनकी सरकार आगामी विधानसभा सत्र में इस संदर्भ में एक बिल लाएगी, ताकि कानून बनाया जा सके। इन नियमों का उल्लंघन करने पर कानून के तहत कार्रवाई होगी।
सरकार के इस फैसले के विरोध में भाजपा सामने आ गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा ने सरकार के फैसले को पक्षपात पूर्ण करार देते हुए कहा कि ऐसा करने से पहले समाज की राय लेना जरूरी था।