धनबाद के आरसी हाजरा मेमोरियल हॉस्पिटल में साजिश के तहत आग लगाई गई थी। इस हादसे में मारे गये डॉ हाजरा दंपती के बेटे का यही कहना है। इस सिलसिले में सोमवार की देर रात दिवंगत डॉ हाजरा दंपती के पुत्र आयुष हाजरा ने बैंक मोड़ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
बता दें कि 28 दिसंबर को भोर में करीब दो बजे बैंक मोड़ टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित आरसी हॉस्पिटल में आग लगने के कारण दम घुटने से डॉक्टर विकास हाजरा, उनकी पत्नी डॉ प्रेमा हाजरा सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी। आयुष हाजरा की शिकायत के बाद बैंक मोड़ पुलिस ने गैर इरादतन हत्या की धारा 304, साजिश के तहत घर में आग लगाने की धारा 436 और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धारा 438 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार डॉ हाजरा परिवार में संपत्ति को लेकर लंबे समय से परिवार में विवाद है।
दिवंगत हाजरा दंपती के पुत्र आयुष ने पुलिस को दिये बयान में कहा है कि आग साजिश के तहत लगाई गई है। जिस स्टोर से आग की शुरुआत हुई वहां कोई जाता भी नहीं था। उसके माता पिता ने भी उसका कभी इस्तेमाल नहीं किया। हादसे के दिन किसने स्टोर खोला था। जिस कमरे में उसके माता-पिता फंसे थे वहां से खुले आसमाने के नीचे, छत पर जाने के लि रास्ता है। राहत बचाव टीम को किसी ने इसकी जानकारी क्यों नहीं दी। अग्नि कांड में अस्पताल परिसर स्थित सिर्फ उनके निवास में रहने वाले ही क्यों प्रभावित हुए। आग परिसर भवन के पहले तल्ले में लगी। आग इतनी तेज थी कि इसकी लपट और धुआं दूसरे तल्ले पर स्थित घर में प्रवेश कर गया। ये पुलिस के लिए जांच के विषय हैं।
आयुष खुद मेडिकल का छात्र है, लक्ष्मी नारायण मेडिकल कॉलेज पुडुचेरी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। शिकायत पत्र में आयुष के साथ उसी बहन प्रेरणा का भी हस्ताक्षर है। प्रेरणा नेपाल में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। प्रेरणा का कहना है कि आग दुर्घटना नहीं साजिश का हिस्सा है। वहीं अस्पताल कर्मियों का कहना है कि जब आग लगी तो हम मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट करन में लगे रहे हमें क्या मालूम की ऊपर में डॉक्टर साहब बचाने की गुहार लगा रहे हैं।