ओडिशा के दाबुगाम स्वास्थ्य केंद्र में एक अजीब मामला सामने आया है। जहां परिजनों ने डॉक्टर पर आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने उनके छह महीने के बच्चे को गूगल सर्च कर इंजेक्शन दिया था जिसके वजह से बच्चे की मौत हो गई थी। वहीं अस्पताल के एक अधिकारी से इस मामले पर सवाल किया गया तो उन्होंने इस आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चे को निमोनिया था और उसे गंभीर स्थिती में अस्पताल लाया गया जिससे बच्चे की मौत हो गई।
बच्चे माता-पिता प्रशांत बिसोई और अमृता ने अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि 30 मार्च को उनके बेटे की तबीयत खराब हुई थी। 31 मार्च को उसे इलाज के लिए दाबुगाम स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां उनके छह महीने के बेटे को डॉक्टर ने अपने फोन पर गूगल सर्च कर प्रिस्क्रिप्शन लिखा।
उन्होंने आगे बताया कि डॉक्टर ने उन्हें गूगल पर सर्च कर एक इंजेक्शन लिखा और उसे लगाने की सलाह दी। जैसे ही उनके बच्चे को वह इंजेक्शन लगाया गया तभी उसकी आंखे बंद हो गई और वह मर गया।
परिजनों के आरोप के बाद स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी सुभासिस साहू का कहना है कि बच्चा बच्चा गंभीर निमोनिया से पीड़ित था और उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपयुक्त दवाओं का इस्तेमाल किया गया, लेकिन वह आखिरी स्टेज पर था। साहू ने दावा किया है कि वह मरीज को उमरकोट ले गए, लेकिन उनकी हालत बिगड़ गई थी। गंभीर हालत में मरीज को यहां लाया गया था।
वहीं डॉक्टर के इस बयान पर परिजनों ने कहा कि जब बच्चे की हालत गंभीर थी तब डॉक्टरों ने उसे किसी और अस्पताल रिफर क्यों नहीं किया। शायद ऐसा करने से उनके छह महीने के बच्चे की जान बच जाती। बच्चे की मौत के बाद परिजनों को गहरा दुख पहुंचा है।