राज्य के प्रमुख वन्यजीवन संरक्षक आजम जैदी ने बताया, माल्दा और सुंदरबन के बीच हुगली नदी में किस तरह से सामुदायिक रिजर्व बनाया जा सकता है, इसकी जांच के लिए एक समिति बनाई जा रही है। इसके एक साल के भीतर तैयार हो जाने की संभावना है।
पश्चिम बंगाल में हुगली के रूप में पहचानी जाने वाला गंगा नदी का प्रसार लगभग 500 किलोमीटर लंबा है और यह सघन ढंग से बसे कोलकाता से होकर बहती है। इसके बाद यह सुंदरबन में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
उन्होंने कहा कि वन्यजीवन संरक्षण कानून में वनस्पति और जंतुओं के संरक्षण के लिए ऐसे सामुदायिक रिजर्व बनाने के प्रावधान हैं।
वन के प्रमुख संरक्षक जैदी ने कहा, नदी का प्रसार वन या किसी अभयारण्य के भीतर नहीं है इसलिए डॉल्फिनों की सुरक्षा में सभी पक्षकारों को शामिल करना महत्वपूर्ण है। हम डॉल्फिनों के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना, ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करना और पानी को स्वच्छ करना चाहते हैं।
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे भारत के राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन की कुल संख्या का आकलन करने के लिए गणना भी करवाएंगे।