गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले साल ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के मामले में नौ आरोपियों में से एक डॉक्टर कफील खान ने केरल के कोझीकोड में ‘निपाह वायरस’ से प्रभावित मरीजों का इलाज करने की इच्छा जताई है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कफील खान ने बताया कि उन्होंने केरल में निपाह वायरस से प्रभावित मरीजों के लिए कार्य करने की इच्छा व्यक्त की थी और इसके लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को ट्वीट कर आग्रह किया था। जिसके बाद सीएम विजयन ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए मरीजों का इलाज करने के लिए उनका स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि उनके ठहरने की व्यवस्था केरल सरकार करेगी. 'मुझे खुशी है कि वहां कार्य करने का मौका मिल रहा है.' बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले साल अगस्त में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के बाद कफील सात महीने जेल में रहे.
जेल में रहने के दौरान केरल के लोगों ने किया था सपोर्ट
डॉ. कफील ने बताया कि उनके ठहरने की व्यवस्था केरल सरकार करेगी। ‘मुझे खुशी है कि वहां कार्य करने का मौका मिल रहा है।’ डॉ कफील बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले साल अगस्त में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत के बाद सात महीने जेल में रहे। उन्होंने कहा, ‘मैं जब जेल में था, तो केरल के लोगों ने सोशल मीडिया पर मुझे समर्थन दिया था और जेल से निकलने के बाद मैं तीन दिन केरल में रहा।’
केरल में मुसीबत बना ‘निपाह वायरस’
निपाह वायरस के कारण उत्तरी केरल के कोझिकोड़ और मलप्पुरम जिलों में अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दो लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को केरल में वायरस फैलने के बारे में सूचित किया गया है।
राजन और अशोकन नाम के दो व्यक्तियों का कोझिकोड़ में इलाज चल रहा था, जिनकी आज सुबह मौत हो गई। उनके भी इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
कैसे चर्चा में आए डॉक्टर कफील
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस वॉर्ड में 10 अगस्त, 2017 को बच्चों की मौत हुई थी। इसी मामले में डॉ. कफील पर कार्रवाई की गई थी। 10 अगस्त को वार्ड में अचानक बच्चों की मौत होने लगी थी। बच्चों की मौत ऑक्सीजन सिलिंडर खत्म होने से शुरू हुई। ऑक्सीजन गैस सिलिंडर की कमी से अस्पताल में हुई 30 बच्चों की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।
इस घटना की अगली सुबह ही अस्पताल के डॉ. कफील खान का नाम एक हीरो की तरह सामने आया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने अपने परिचित डॉक्टर दोस्तों और उनकी अस्पतालों से रात में ऑक्सीजन सिलिंडर मंगवाए और बच्चों के इलाज को जारी रखा। उन्होंने बच्चों को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया, लेकिन बाद में इस मामले में डॉ. कफील को ही दोषी माना गया। उन्हें 28 अप्रैल, 2018 को ही जमानत मिली थी।