झारखंड में कोरोना से बिगड़ते हालात के बीच राज्य सरकार को ग्रामीण इलाकों में कोरोना के संक्रमण और उससे होने वाली मौत को लेकर चिंता सताने लगी है। इसे देखते हुए मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने बुधवार को सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया कि लौटने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को रैपिड एंटीजेंट टेस्ट( आरएटी) अनिवार्य रूप से करायें। कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद उन्हें सीधा घर भेजने के बदले एक सप्ताह का क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाये। और घर रवाना करने के पहले भी टेस्ट हो। पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल के हिसाब से कार्रवाई की जाये। जिला प्रशासन प्रवासी मजदूरों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर में व्यवस्था करेंगे।
चिंता की बड़ी वजह यह है कि कोरोना का प्रकोप सुदूर ग्रामीण, जंगली इलाकों में भी होने लगा है। और प्रशासन को उनके बारे में जानकारी भी नहीं है। कोरोना से मौत के बाद भी कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार नहीं हो रहा है। हाल में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं। सरकारी दावों के बावजूद लौटने वाले ज्यादातर मजदूरों, कामगारों की जांच स्टेशन या एयरपोर्ट पर नहीं हो पाई है। ऐंसे में संक्रमित लोग गांव पहुंचकर लोगों को संक्रमित कर रहे हैं।
सरकार संकट को समझ रही है। बुधवार को कोडरमा जिले में नवनिर्मित डेडीकेटेड हेल्थ सेंटर में 250 बेड और सरकारी कोविड सदर अस्पताल में 20 ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त बेड के ऑनलाइन उद्धाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की। कहा कि ग्रामीाण् क्षेत्रों में कोरोना महामारी की भयावहता को जागरूकता के अभाव में लोग नहीं समझ पा रहे हैं। इस वजह से यहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लोगों की मौत हो रही है लेकिन कोविड प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार नहीं हो रहा है। ऐसे में अगर ग्रामीण इलाकों में संक्रमितों की पहचन कर उन्हें आइसोलेट करने या उनका इलाज करने की नितांत जरूरत है ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके। जिन लोगों की मौत हो रही है उनके परिजनों का कोविड टेस्ट हर हाल में हो। अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से कहा कि वे इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभायें।
मंगलवार को विभागीय सचिवों की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया था कि संक्रमण को लेकर शहरों के बारे में एक हद तक जानकारी मिल रही है मगर ग्रामीण इलाकों में संक्रमितों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो रहा है। इससे गांवों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बता दें कि रांची शहर में रहने वाले डीडी शर्मा सपरिवार कोरोना संक्रमित हुए। खूंटी और चाईबासा की सीमा पर जंगली इलाके में उनका गांव है। उन्होंने बताया कि संक्रमण के दौरान वे गांव जाने की सोच रहे थे, वहां फोन मिलाया तो मालूम हुआ कि पूरे गांव में संक्रमण फैला हुआ है, घर के सदस्यों की तबीयत भी बहुत ठीक नहीं है। इससे ग्रामीण इलाकों की स्थिति का आकलन किया जा सकता है।