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निर्यात रोकने के बाद भी देश में रेमडेसिविर की कमी, पुणे में इंजेक्शन के लिए प्रदर्शन करने को मजबूर लोग

देश में कोरोना की दूसरी लहर लगातार लोगों को अपनी चपेट में लेती जा रही है। वहीं अस्पतालों में मरीजों के...
निर्यात रोकने के बाद भी देश में रेमडेसिविर की कमी, पुणे में इंजेक्शन के लिए प्रदर्शन करने को मजबूर लोग

देश में कोरोना की दूसरी लहर लगातार लोगों को अपनी चपेट में लेती जा रही है। वहीं अस्पतालों में मरीजों के बढ़ने के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग भी तेज होती जा रही है। अस्पतालों में इसकी कमी की शिकायतें लगातार आ रही हैं। इस बीच कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र के एक अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए प्रदर्शन तक कर रहे हैं।

पुणे जिले में कोरोना मरीजों के रिश्तेदार और परिजन रेमडेसिविर की मांग करते हुए कलेक्टर ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनमें से एक महिला ने बताया कि मेरे पिता पिछले 6 दिनों से हॉस्पिटल में एडमिट हैं, उनकी दवाएं पूर तरह से शुरू नहीं हुई है। वह आईसीयू में हैं। मैंने सभी शहरों में रेमडेसिविर इंजेक्शन ढूंढा। महिला ने बताया कि हॉस्पिटल ने कहा है कि इंजेक्शन हमें ही लाना होगा।

वहीं रेमडेसिविर की मांग को लेकर पुणे के एडिशनल कलेक्टर विजय देशमुख ने कहा कि हमारे यहां लगभग 45,000 इंजेक्शन की मांग है। हमें 3-4 दिन पहले 3,000 इंजेक्शन मिले। कल हमें लगभग 1,200 इंजेक्शन मिले। हम इंजेक्शन का स्टॉक बराबर बांट रहे हैं। हम कंपनियों से बात कर रहे हैं। 4-5 दिनों में स्थिति बेहतर हो जाएगी।

कलेक्टर ने आगे कहा कि वैक्सीन के अंधाधुन उपयोग पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। केवल गंभीर रोगियों को कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार रेमडेसिविर दिया जाना चाहिए। हमने उड़न दस्ते स्थापित किए हैं, वे कई स्थानों का निरीक्षण कर रहे हैं और कुछ भी अवैध होने पर कार्रवाई की जा रही है।

बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मामले को देखते हुए भारत सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगा दी है। बीते कुछ दिनों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी देखी जा रही थी। ऐसे में सरकार का यह फैसला अहम है। भारत सरकार में देश में हालात सुधरने तक के लिए इस रोक का ऐलान किया है। जिसके बाद भी देश में रेमडेसिविर की कमी देखी जा रही है। 

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