दिल्ली से सटे गुरुग्राम में रहने वाली एक युवती ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर एक लम्बा-सा थ्रेड लिखा है, जिसमें उसने एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर द्वारा उसे कथित रूप से किडनैपिंग करने की कोशिश के बारे में पूरी कहानी बताई है। युवती का कहना है कि बचने के लिए उसने चलते हुए ऑटोरिक्शा से छलांग मार दी। युवती के ट्वीट के अनुसार घटना गुड़गांव के सेक्टर 22 की है। यह स्थान उसके घर से महज सात मिनट की दूरी पर ही स्थित है।
ट्विटर प्रोफाइल के अनुसार, कम्युनिकेशन्स स्पेशलिस्ट के तौर पर काम करने वाली निष्ठा ने आरोप लगाया कि ऑटोरिक्शा ड्राइवर उसे जानबूझकर गलत रास्ते पर ले गया और विरोध करने पर भी ऑटोरिक्शा ड्राइवर ने कोई जवाब नहीं दिया।
Yesterday was one of the scariest days of my life as I think I was almost abducted/ kidnapped. I don’t know what it was, it’s still giving me chills. Arnd 12:30 pm, I took an auto from the auto stand of a busy market Sec 22 (#Gurgaon) for my home which is like 7 mins away (1/8)
— Nishtha (@nishtha_paliwal) December 20, 2021
निष्ठा ने ट्वीट किया, "कल का दिन मेरे जीवन के सबसे डरावने दिनों में से एक था क्योंकि मुझे लगता है कि मुझे लगभग अगवा कर लिया गया था। मैं नहीं जानती, वह क्या था, लेकिन अब भी मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं। दोपहर को लगभग 12:30 बजे, मैंने घर जाने के लिए (गुड़गाव के) सेक्टर 22 के व्यस्त बाज़ार से एक ऑटो लिया, जो मेरे घर से लगभग 7 मिनट की दूरी पर है।"
उन्होंने आगे लिखा,"मैंने ऑटो ड्राइवर से कहा कि मैं पेटीएम करूंगा क्योंकि मेरे पास कैश नहीं है और उसके सेटअप को देखकर ऐसा लग रहा था कि वह उबर के लिए ड्राइव करता है, मुझे लगा कि वह इसके साथ काफी ठीक रहेगा। वह मान गया और मैं ऑटो में बैठ गई। वह ऊंची आवाज में भक्ति संगीत सुन रहा था।"
निष्ठा ने आगे लिखा, "हम एक टी प्वॉइंट पर पहुंचे, जहां से मेरे घर वाले सेक्टर के लिए दाएं मुड़ना था, लेकिन वह बाएं मुड़ गया। मैंने उससे पूछा कि आप बाएं क्यों मुड़ रहे हो। उसने नहीं सुना, और वह ज़ोर-ज़ोर से ऊपर वाले (मैं धर्म का ज़िक्र नहीं करना चाहती, क्योंकि यह किसी धर्म से जुड़ा नहीं है) का नाम लेने लगा।"
उसने आगे लिखा, "मैं सचमुच चीखी - 'भैया, मेरा सेक्टर राइट (दाएं) में था, आप लेफ्ट (बाएं) में क्यों लेकर जा रहे हो।' उसने जवाब नहीं दिया और काफी ऊंची आवाज़ में ऊपर वाले का नाम लेता रहा। मैंने उसके बाएं कंधे पर 8-10 बार मारा भी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उस समय मेरे दिमाग में केवल एक खयाल आया - बाहर कूद जाओ। स्पीड 35-40 (क्लोमीटर प्रति घंटा) थी, और इससे पहले कि वह स्पीड को बढ़ाता, मेरे पास बाहर कूद जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। मैंने सोचा, खो जाने से हड्डियों का टूट जाना बेहतर रहेगा और मैं चलते हुए ऑटो से बाहर कूद गई। मैं नहीं जानती, इतनी हिम्मत मेरे भीतर कहां से आ गई।"
घटना के तुरंत बाद निष्ठा ने इसकी जानकारी पालम विहार पुलिस स्टेशन को दी। इसके बाद एसएचओ जितेंद्र यादव ने खुद व्यक्ति का पता लगाने का आश्वासन दिया है। निष्ठा का कहना है कि वह ऑटोरिक्शा का नंबर नोट नहीं कर पाई थी। पुलिस ने ऑटोरिक्शा ड्राइवर की तलाश शुरू कर दी है।