प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान में लागू हुई जल जीवन मिशन योजना में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में बुधवार को जयपुर से चौथी गिरफ्तारी की। ईडी द्वारा पूछताछ के बाद एक बिचौलिए संजय बदाया को गिरफ्तार किया गया है।
केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन (जेजेएम) का घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है। राजस्थान में इसे राज्य के लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचई) विभाग द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
इस चौथी गिरफ्तारी से पहले केंद्रीय एजेंसी श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन और पीयूष जैन को गिरफ्तार कर चुकी है।
जांच में पाया गया कि पदमचंद जैन, मित्तल और अन्य लोग पीएचईडी से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के संबंध में अवैध सुरक्षा, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और उनके द्वारा निष्पादित कार्यों में अनियमितताओं को कवर करने के लिए लोक सेवकों को रिश्वत देने में शामिल थे।
एजेंसी ने दावा किया कि संदिग्ध अपनी निविदाओं में उपयोग करने के लिए हरियाणा से चोरी के सामान की खरीद में भी शामिल थे और उन्होंने पीएचईडी अनुबंध प्राप्त करने के लिए इरकॉन से "फर्जी" कार्य समापन पत्र भी जमा किया था।
ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज एक एफआईआर से उपजा है जिसमें पदमचंद जैन, महेश मित्तल, पीयूष जैन और अन्य को आरोपित किया गया था।
जांच के सिलसिले में पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी और पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के आवासीय और आधिकारिक परिसरों सहित जयपुर और दौसा में परिसरों की ईडी ने तलाशी ली है। मामले में अब तक 11.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।