जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला को बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने तलब किया। चंडीगढ़ के सेक्टर-18 स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में घंटों तक अब्दुल्ला से से जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में हुए 113 करोड़ रुपये के घोटाले मामले में पूछताछ की गई। कोर्ट के आदेश के बाद 2015 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था। अब ईडी भी इस घोटाले की जांच कर रही है। बता दें कि फारुख अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहते हुए जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी थे।
बताया जा रहा है कि फारुक अब्दुल्ला से पूछताछ के दौरान किसी भी शख्स को ईडी दफ्तर में जाने की इजाजत नहीं दी गई। सीबीआई ने इस संबंध में फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ 2018 में एफआईआर दर्ज करने के बाद उसी साल चार्जशीट दायर की।
फारुख अब्दुल्ला और तीन अन्य के खिलाफ सीबीआई ने दाखिल किया था आरोप पत्र
सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ के कोष में कथित अनियमितताओं और गबन के मामले में फारुख अब्दुल्ला और तीन अन्य के खिलाफ श्रीनगर की एक अदालत में कुछ समय पहले आरोप पत्र दाखिल किया था। जांच एजेंसी ने कहा था कि बीसीसीआई ने 2002 से 2011 के बीच राज्य में क्रिकेट सुविधाओं के विकास के लिए 112 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन आरोपितों ने इस राशि में से 43.69 करोड़ रुपए का गबन कर लिया।
मामले को लेकर दो पूर्व क्रिकेटरों ने दायर की थी जनहित याचिका
इसके बाद 2015 में दो पूर्व क्रिकेटरों माजिद याकूब डार और निसार अहमद खान ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में इसे लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की थी। फिर इस मामले की छानबीन की जिम्मेदारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी गई थी। सीबीआई ने इस मामले में बीते साल श्रीनगर के चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष फारुख अब्दुल्ला सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
सीबीआई ने अब्दुल्ला सहित इन लोगों पर लगाए थे आरोप
इस मामले में सीबीआई ने जेकेसीए के तत्कालीन अध्यक्ष अब्दुल्ला, तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जम्मू-कश्मीर बैंक के एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे।