जवाहर बाग इलाके में हिंसा तब शुरू हुई जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में पुलिस कर्मी जवाहर बाग के 250 एकड़ की जमीन से अतिक्रमणकारियों को हटाने की कोशिश कर रहे थे। समझा जाता है कि पथराव आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही संगठन के कार्यकर्ताओं ने किया, जिन्होंने अतिक्रमण किया था। आईजी :कानून एवं व्यवस्था: एच आर शर्मा ने बताया कि करीब 3000 अतिक्रमणकारियों ने पुलिस दल के मौके पर पहुंचने पर उस पर पथराव किया और फिर गोली चलाई। उन्होंने बताया कि जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। बाद में गोली चलाई। अतिक्रमणकारियों की गोलीबारी में शहर पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी और फाराह पुलिस थाने के प्रभारी संतोष कुमार की जान चली गई। उन्होंने बताया कि इस टकराव में दो दर्जन पुलिसकर्मियों सहित कम से कम चालीस लोग घायल हो गए। शहर के नयति अस्पताल के सीईओ एवं क्रिटिकल केयर विभाग के निदेशक डाॅ. आरके मणि ने बताया कि द्विवेदी की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
पुलिस ने बताया कि पूरे जिले में तनाव कायम है। जवाहर बाग में कार्रवाई जारी है। हालांकि आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही गुट के कार्यकर्ताओं को पुलिस, पीएसी और आरएएफ के संयुक्त अभियान द्वारा वहां से खदेड़ दिया गया। मुख्यमंत्राी अखिेलश यादव ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, मृत पुलिस कर्मियों के परिजनों को 20 लाख रूपये की आर्थिक सहायता का एेलान किया है। मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने और दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश भी दिया है।