मध्यप्रदेश में किसानों की मौते के मामले ने विवादास्पद रुख अपना लिया है। राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने किसानों की मौत पर टिप्पणी करते हुए शुक्रवार को कहा कि विधायक भी हमेशा जिंदा नहीं रहते हैं। वह भी तो मरते हैं और मौत किसी के नियंत्रण में नहीं है।
भार्गव ने कहा, “विधायक भी तो मरते हैं। घाटा होने पर बिजनेसमैन भी मरते हैं और यहां तक कि परीक्षा में फेल होने के बाद छात्र भी तो खुदकुशी कर लेते हैं। पिछले चार साल में 10 विधायकों की मौत हो चुकी है, तो क्या मौत पर काबू पाया जा सकता है? क्या विधायक हमेशा जिंदा रहने वाले हैं?”
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जान गंवाने वाले और खराब उत्पादन एवं कर्ज से जूझ रहे किसानों के प्रति उन्हें पूरी तरह सहानुभूति है। हाल में मध्यप्रदेश में कर्ज माफी, उत्पादन मूल्य और अन्य मांगों को लेकर किसानों ने आंदोलन किया था।
इस साल बिन मौसम बारिश और ओलावृष्टि ने भी राज्य के किसानों की फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। इससे कम-से-कम 984 गांव प्रभावित हुए थे। इसके बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।