देश में आग की तरह फैल रहे कोविड संक्रमण के बीच महाराष्ट्र के हालात बेहद गंभीर नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि महाराष्ट्र में टीकाकरण अभियान इतनी धीमी गति से चला तो राज्य में संक्रमण की तीसरी लहर आने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि उन्हें कोविड टीकाकरण के लिए पर्याप्त खुराक सही समय पर उपलब्ध नहीं हो रही है। जिससे एक मई से 18-44 वर्ष के लिए टीकाकरण अभियान शुरू नहीं किया जा सकता है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र में 9 करोड़ लोगों में से अभी हमने केवल 1.50 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण किया है। जो बहुत कम है।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने पहले से ही महाराष्ट्र के लिए टीकों की अपर्याप्त आपूर्ति पर चिंता व्यक्त की थी। 45 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के टीकाकरण के लिए सबसे खराब स्थिति महाराष्ट्र की ही थी। यहां टीकाकरण अभियान बहुत धीमी गति से चल रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण पर नियंत्रण तभी हो सकता है जब दो तिहाई आबादी का टीकाकरण हो जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हम टीकाकरण की गति में तेजी नहीं लाते हैं तो जल्द या बाद में नौकरियों व अन्य काम के लिए निकलने पर कोविड -19 की तीसरी लहर को आमंत्रित कर सकते हैं।
दिसंबर में दी छूट ने लोगों को लापरवाह बना दिया और फरवरी में इससे कोविड की दूसरी लहर शुरू हो गई। हम अभी भी इससे पीड़ित हैं।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अगर हम जल्दी से आबादी के एक बड़े हिस्से का टीकाकरण नहीं करते हैं, तो हम तीसरी लहर के लिए लाल कालीन बिछाएंगे। राज्य में अप्रैल से अब तक 15,53,922 नए कोविड मामले सामने आए हैं और 11,281 मौतें हुई हैं।
टोपे ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार को भारत बायोटेक या सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 20 मई से पहले टीके आने की संभावना नहीं है। ऐसी स्थिति में हम 1 मई से 18-44 आयु वर्ग के लिए टीकाकरण शुरू नहीं कर सकते हैं। हमें मई के तीसरे सप्ताह तक इंतजार करना होगा।
राज्य टास्क फोर्स के एक सदस्य ने कहा कि महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में लोगों के टीकाकरण के लिए टीके की बड़ी खेप होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मानसून में भारी बारिश के कारण टीकाकरण अभियान के लिए बाधाएं आ सकती हैं।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि कोविड की स्थिति चिंताजनक है, लेकिन हम गर्मियों में अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करने का सुनहरा अवसर बर्बाद कर रहे हैं।