राजस्थान विधानसभा में चतुर्थ श्रेणी के 18 पदों के लिए 18,008 लोगों ने आवेदन किया। करीब 15 दिन चले साक्षात्कार के बाद 18 लोगों का चयन हुआ। इनमें भाजपा विधायक जगदीश मीणा का पुत्र रामकृष्ण मीणा भी है। रामकृष्ण के चयन से भर्ती प्रक्रिया विवादों में आ गई है। विपक्षी दल कांग्रेस ने भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की है।
भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता आठवीं पास रखी गई थी। चपरासी पद के लिए आवेदन करने वालों में बहुत बड़ी संख्या ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएटों की थी। कई आवेदकों के पास तो प्रोफेशनल डिग्री भी थी। अधिकांश उम्मीदवारों के उच्च शिक्षा प्राप्त होने के बावजूद दसवीं पास रामकृष्ण का चयन विपक्ष को हजम नहीं हो रहा।
राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने सारी भर्तियां सिफारिश के आधार पर करने का आरोप लगाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने युवाओं को 15 लाख नौकरियां देने का वादा किया था और अब कुछ नौकरियां दी जा रही है तो उसमें भी भाई-भतीजावाद हो रहा है। हालांकि पहली बार विधायक बने मीणा इन आरोपों को खारिज करते हैं। उनका कहना है कि रामकृष्ण के चयन में कुछ भी असमान्य नहीं है। पूरी प्रक्रिया का पालन कर उसे चुना गया है।
उन्होंने कहा, रामकिशन मेरे चार बच्चों में सबसे बड़ा है इसलिए उसे खेतों और छोटे भाई-बहनों का ध्यान भी रखना पड़ता है। यही कारण है कि वह हाई स्कूल से ज्यादा पढाई नहीं कर सका। रामकृष्ण ने बताया कि उसने पिछले साल प्राइवेट से दसवीं की परीक्षा पास की थी। फिलहाल वह पढ़ाई छोड़कर खेती में परिवारवालों का हाथ बंटाता है।