महाराष्ट्र सचिवालय के बाहर जहर पीने वाले 84 वर्षीय किसान धर्मा पाटिल की मौत हो गई। पाटिल ने 22 जनवरी को जहरीला रसायन पीकर जान देने की कोशिश की थी।
पाटिल ने रविवार की रात मुंबई के जेजे अस्पताल में आखिरी सांस ली। वह उत्तरी महाराष्ट्र इलाके के रहने वाले थे। सरकार ने उनकी जमीन का अधिग्रहण थर्मल प्लांट के लिए किया था। वह इसके लिए दिए गए मुआवजे से नाराज थे। अस्पताल के अनुसार पाटिल के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।
Narendra Patil, son Of Dharma Patil (farmer who attempted suicide on 22nd January & passed away in hospital last night) has accepted the assurance of the government and withdrawn the agitation after meeting Maharashtra Ministers Jai Kumar Rawal and Girish Mahajan.
— ANI (@ANI) January 29, 2018
इस बीच पाटिल के बेटे नरेंद्र पाटिल ने न्याय नहीं मिलने पर दिल्ली जाकर जान देने की धमकी दी थी मगर बाद में राज्य के मंत्री जय कुमार रावल और गिरीश महाजन से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना आंदोलन वापस ले लिया लिया।
उन्होंने कहा कि मेरे पिता को पांच एकड़ जमीन के लिए मात्र चार लाख रुपये का मुआवजा मिला। उन्होंने कहा कि अस्सी साल से ज्यादा की उम्र में भी मेरे पिता पिछले तीन माह से अपनी जमीन के लिए मिले कम मुआवजे की शिकायत के लिए अधिकारियों के पास दौड़ रहे थे। लेकिन किसीन ने उन पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया।