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पंजाब व हरियाणा के किसानों ने किया चक्का जाम, कृषि बिलों के विरोध में उतरे सड़कों पर

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन समेत अन्य किसान संगठनों ने पंजाब और...
पंजाब व हरियाणा के किसानों ने किया चक्का जाम, कृषि बिलों के विरोध में उतरे सड़कों पर

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन समेत अन्य किसान संगठनों ने पंजाब और हरियाणा  में गुरुवार को दोपहर 12 बजे से सांय 4 बजे तक चक्का जाम किया। भाकियू पंजाब प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां और प्रदेश महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां के नेतृत्व में पंजाब भर में 100 से ज्यादा जगहों पर धरने दिए गए। हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन समेत अन्य किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर नीलोखेड़ी के पास जाम लगाया। सुरक्षा के मद्देनजर कई शहरों में अर्धसैनिक बलों की  कंपनियां और पुलिस के  जवान तैनात किए गए। चढूनी ने कहा कि सरकार काले कानून पास कर चुकी है। जब तक इन्हें वापस नहीं लेती भाकियू और किसान चुप नहीं बैठेंगे। भाकियू को इन बिलों के विरोध में देश के कई संगठनों का सहयोग मिला है। 5 नवंबर को रोड जाम के बाद किसान 27 को दिल्ली कूच करेंगे।

पंजाब के गुरदासपुर, नवांशहर, जालंधर, रोपड़, लुधियाना, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब में किसान हाईवे जाम करके बैठे। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय मार्ग जाम किया गया। केंद्र सरकार माल गाड़ियों को नहीं चलाने के पीछे स्टेशनों पर किसानों के धरने की बात कर रही है। इसलिए अब किसान अपने मोर्चों को रेलवे स्टेशन से पीछे हटा कर स्टेशनों पर बने पार्कों में शिफ्ट करेंगे, ताकि केंद्र के पास कोई बहाना नहीं बचे। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बुधवा को किसान संगठनों की ओर से अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर, फाजिल्का, जलालाबाद, मोगा, गुरदासपुर, हरगोबिंदपुर, जालंधर और कपूरथला में धरने-प्रदर्शन किए गए।

पंजाब में किसानों का आंदोलन 42 दिन से चल रहा है। पहले किसान रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठे थे, लेकिन पंजाब सरकार की अपील पर किसानों ने गुरुवार को ट्रैक से धरना हटा दिया। इसके बावजूद अभी तक ट्रेनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। चंडीगढ़ में हुई 28 किसान संगठनों की बैठक में फैसला लिया गया कि 20 नवंबर तक माल गाड़ियों को नहीं रोका जाएगा। जम्हूरी किसान सभा के महासचिव कुलवंत सिंह संधू ने कहा, केंद्र सरकार का रवैया किसान और पंजाब विरोधी हैं। खाद, यूरिया, कोयला, होजरी और अन्य सामान की आपूर्ति  के लिए 20 नवंबर तक माल गाड़ियां नहीं रोकने का फैसला किया है।

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