उत्तर प्रदेश के सीतापुर में जंगली आदमखोर कुत्तों का आतंक जारी है। रविवार को खैराबाद थाना क्षेत्र में आदमखोर कुत्तों ने गेहूं की बालियां बीनने गई 12 साल की एक लड़की पर हमला बोल दिया। उसका शव क्षत-विक्षत अवस्था में पाया गया। इसकी खबर आसपास के इलाकों में फैली तो आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर मौके पर पहुंच गए।
पीटीआई के मुताबिक, ग्रामीण बालिका का शव उठाकर लखनऊ-सीतापुर हाई-वे पर पहुंचे और वहां शव रखकर प्रदर्शन किया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के साथ ही कई लोगों को हिरासत में ले लिया। लाठीचार्ज से गुस्साए ग्रामीणों और पुलिस में जमकर पथराव भी हुआ। वहीं, कड़ी सुरक्षा के बीच बालिका का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
छह महीने, 13 मौत
पिछले छह महीनों में 13 बच्चों की कुत्तों के हमले में मौत हो चुकी है। दर्जनों घायल हैं और गांवों में लोग घरों से बाहर निकलने में घबरा रहे हैं। इस बात का ठीक-ठीक अंदाजा किसी को नहीं लग रहा है कि अचानक इलाके के कुत्ते बच्चों पर हमला क्यों करने लगे हैं। हालांकि इसकी एक वजह यह मानी जा रही है कि इलाके में चलने वाले एकमात्र बूचड़खाना बंद हो गया है, जिस वजह से बच्चों को मांस नहीं मिल रहा है। इस वजह से वे हमलावर हो रहे हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब पांच गांव के लोग लाठियां और बंदूक लेकर दल बनाकर कुत्तों को मारने या पकड़ने के लिए घूम रहे हैं।
योगी ने दिए थे कुत्तों से निपटने के निर्देश
आदमखोर कुत्तों पर अंकुश लगाने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। शुक्रवार दोपहर सीतापुर पहुंचे। पुलिस लाइन स्थित हेलीपैड पर उतरने के बाद वह सीधे जिला अस्पताल पहुंचे। यहां भर्ती अमन और अभिषेक से मुलाकात कर उनका हालचाल लिया। दोनों बच्चे आदमखोर कुत्तों के हमले में घायल हुए थे।
सीएम ने बच्चों के परिवारीजनों से बात कर उन्हें भरोसा दिलाया कि इलाज में कोई कमी नहीं की जाएगी। अस्पताल स्टाफ को भी निर्देश किया कि बेहतर इलाज किया जाए।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदमखोर कुत्तों के आतंक के खात्मे के आदेश दिए थे। मगर इस आदेश का कोई असर नहीं दिख रहा है और कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है और लोगों का खौफ भी।