खड़गे ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी की सरकार का कोई भी हथकंडा इस बात को झुठला नहीं सकता कि मणिपुर की स्थिति को संभालने में वे कितनी बुरी तरह असफल हुए हैं।" उन्होंने कहा कि रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आखिरकार मणिपुर की स्थिति पर मोदी से बात की है और कहा, "पिछले 55 दिनों से मोदी जी ने मणिपुर पर एक शब्द भी नहीं कहा। हर भारतीय उनके बोलने का इंतजार कर रहा है।"
कांग्रेस प्रमुख खड़गे ने ट्विटर पर कहा, "यदि मोदी जी मणिपुर की स्थिति के बारे में वाकई चिंतित हैं तो पहले उन्हें मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए।" गौरतलब है की मेइती और कुकी समुदाय के बीच भड़की हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग अपनी जान गवा चुके हैं। मलिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा, "भाजपा और मोदी सरकार का कोई भी हथकंडा इस बात को झुठला नहीं सकता कि वे मणिपुर की स्थिति को संभालने में असफल हुए हैं।"
कांग्रेस प्रमुख ने यह भी मांग की कि सरकार को "चरमपंथी संगठनों और असामाजिक तत्वों से चुराए गए हथियारों" को जब्त कर लेना चाहिए। हिंसा प्रभावित राज्य में शांति लाने के लिए कई कदमों का सुझाव देते हुए खड़गे ने कहा कि सरकार को सभी पक्षों के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए और एक साझा राजनीतिक रास्ता तलाशना चाहिए।
खड़गे ने कहा, ''सुरक्षा बलों की मदद से नाकाबंदी ख़त्म करें। राष्ट्रीय राजमार्गों को खोलकर और सुरक्षित रखते हुए आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। प्रभावित लोगों के लिए राहत, पुनर्वास और आजीविका का पैकेज अविलंब तैयार किया जाना चाहिए। घोषित राहत पैकेज नितांत अपर्याप्त है।
बता दें कि रविवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अमित शाह को राज्य की "ठीक होती स्थिति" के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर राज्य में फैली हिंसा की स्थिति को काफी हद तक सुधार दिया है। अमेरिका और मिस्र की राजकीय यात्रा से लौटने के बाद मोदी ने सोमवार को वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों और अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की।