ओडिशा में ‘फैनी’ चक्रवात के गुजर जाने के पांच दिन बाद भी कई प्रभावित इलाकों में बिजली, पानी और दूरसंचार व्यवस्था पूरी तरह ठप है। इतना ही नहीं लोगों के सामने भोजन और पीने के पानी की भी गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। इसे लेकर चारों ओर हाहाकार की स्थिति बनी हुई है। इन सबके बीच मुनाफाखोरों की चांदी हो गई है। हालत यह है कि यहां हर चीज दोगुनी कीमत पर मिल रही है।
‘फैनी’ प्रभावित अधिकांश इलाकों में बिजली का संकट जस का तस बना हुआ है। जगह-जगह बिजली के खंभों के उखड़ जाने और तारों के टूट जाने से समस्या विकराल हो गई है। यहां बिजली के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है, प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 35 लाख घर हैं, जिनमें चक्रवाती तूफान के गुजर जाने के पांच दिन बाद भी बिजली व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण घरों में अंधेरे ने अपना पैर पसारा हुआ है।
अभी राजधानी भुवनेश्वर समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। इससे दूरसंचार सेवा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। ऐसा बताया जा रहा है कि पिछले शुक्रवार को आए फैनी तूफान के कारण भुवनेश्वर, कटक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर व पुरी समेत करीब 11 जिलों में जनजीवन सामान्य होने में अब भी लंबा वक्त लग सकता है।
खुर्दा, कटक, पुरी और बालूगांव बिना बिजली के सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं। भुवनेश्वर-I डिवीजन में 58,742 उपभोक्ताओं में से केवल 200 के लिए बिजली बहाल की गई है। इस बीच, भुवनेश्वर-II डिवीजन में 1,56,006 में से केवल एक उपभोक्ता के लिए ही बिजली बहाल की गई है।
बिजली न होने की वजह से जल संकट भी गहराया
बिजली न होने से जलापूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। लेकिन बिजली और पानी की समस्याओं के बीच डीजल जेनरेटर ऑपरेटर्स की चांदी हो गई है, वे मनमाने ढंग से लोगों से पैसा वसूल रहे हैं। आधे घंटे के जनरेटर के लिए 1,000 रुपये वसूल रहे हैं। जो लोग इस तरह की अत्यधिक दरों को बर्दाश्त नहीं कर सकते, वे पानी की मांग को सड़कों पर ले जा रहे हैं क्योंकि टैंकरों के माध्यम से सरकार द्वारा दिया जाने वाला पानी निराशाजनक साबित हो रहा है।
जेनरेटर की मांग न सिर्फ बोरवेल से पानी निकालने के लिए बढ़ रही है बल्कि मोबाइल फोन चार्ज करने और पंखे चलाने के लिए भी जेनरेटर का उपयोग किया जा रहा है।
ओडिशा में आए चक्रवाती तूफान ‘फैनी’ से भूस्खलन के बाद 1.56 लाख बिजली के खंभे उखड़ गए, जबकि दो 400 केवी वाले टॉवर, 19132 केवी टॉवर, 200 33/11 केवी पोल, 10 हजार से अधिक 11/0.4 वाले ट्रांसफार्मर और दर्जनों हाई-वोल्टेज वाली लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं। राज्य में बिजली की स्थिति सामान्य करने के लिए करीब 1.56 लाख विद्युत पोल लगाने होंगे।
बिजली आपूर्ति की बहाली में केंद्र से मांगी मदद
मुख्य सचिव एपी पाढ़ी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के सचिव के के सिन्हा से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने पुरी और खुर्दा के सबसे खराब चक्रवात प्रभावित जिलों में बिजली आपूर्ति की बहाली में कुशल जनशक्ति प्रदान करने में केंद्र की मदद मांगी है’। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य सरकार डीजल जनरेटर का उपयोग करके पुरी और भुवनेश्वर में पानी की आपूर्ति बहाल करने में सक्षम रही है, लेकिन बिजली के बुनियादी ढांचे के बड़े पैमाने पर विनाश के मद्देनजर लोगों को बिजली प्रदान करना एक कठिन काम है।
पाढ़ी ने कहा कि ओडिशा ने केंद्र से पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से 5,000 कुशल जनशक्ति भेजने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को बिजली के खंभे लगाने और उन पर तार खींचने के लिए तैनात किया जाएगा, जिससे राज्य को समयबद्ध तरीके से बिजली आपूर्ति बहाल करने में सुविधा होगी। हालांकि, ओडिशा के मुख्य सचिव ने बिजली सेवा की बहाली के लिए कोई समयरेखा नहीं दी।
एटीएम खाली, नकदी की किल्लत
बैंकों के एटीम पूरी तरह से खाली हो चुके हैं। लोगों के सामने नकदी की भी समस्या खड़ी हो गई है। वहीं, ट्रेन सेवा में भी अभी पूरी तरह सुधार नहीं हुआ है। कुछ स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रहीं हैं, जिनमें यात्रियों की काफी भीड़ देखी जा रही है। भुवनेश्वर और पुरी रेलवे स्टेशन की हालत सुधारने का काम तेजी से चल रहा है। पुरी रेलवे स्टेशन फिलहाल तीन दिन और बंद रहेगा।
पुरी में दूरसंचार नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त
एक समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी माना कि पुरी में दूरसंचार नेटवर्क पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है और कहा कि राज्य ने राहत और बहाली कार्यों की सुविधा के लिए केंद्र से जिले में मोबाइल टॉवर ऑन व्हील्स उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार की कमी ने राहत और बहाली कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। पटनायक ने कहा कि राहत वितरण का काम मंगलवार को भुवनेश्वर में शुरू किया गया और बुधवार से खुर्दा जिले के कुछ हिस्सों में शुरू होगा।
नाराज लोगों ने पुरी-कोणार्क राजपथ किया जाम
जानकारी के मुताबिक, पुरी में नाराज लोगों ने मंगलवार को पुरी-कोणार्क राजपथ को कई घंटे जाम किया। प्रशासन की ओर से काफी समझाइश और सही वक्त पर लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने का आश्वासन मिलने के बाद लोगों ने जाम हटाया। वहीं, दूसरी ओर आवागमन को लेकर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि एंबुलेंस और एनडीआरएफ की टीमों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
मई महीने की गर्मियों के दौरान पीने के पानी और बिजली के अभाव में इस प्राकृतिक आपदा के गुजर जाने के पांच दिन बाद भी तटीय जिलों में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।