कर्नाटक में सियासी उठा-पटक थमने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ खबर आ रही है कि कांग्रेस नाराज विधायकों को मनाने की जीतोड़ कोशिश कर रही है, तो दूसरी पांच और बागी विधायकों ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया। इनका दावा है कि इन्होंने “स्वेच्छा” से इस्तीफा दिया है और विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार को उनका इस्तीफा स्वीकार करना चाहिए।
यह याचिका कांग्रेस के बागी विधायकों आनंद सिंह, के सुधाकर, एन. नागराजू, मुनिरत्ना और रोशन बेग की ओर से दाखिल की गई है। उन्होंने मांग की है कि विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया जाए कि वे उनकी अयोग्यता के आवेदन की कार्रवाई को आगे न बढ़ाए।
विधायकों का यह भी दावा है कि उन्होंने जब इस्तीफा दिया था, तब उनके खिलाफ किसी तरह के अयोग्यता की कार्यवाही नहीं चल रही थी। याचिका में कहा गया है, “अयोग्यता की कार्यवाही को विधायकों को डराने-धमकाने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। एक तरफ, विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफे पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे और दूसरी तरफ 12 जुलाई से शुरू हुए विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए व्हिप जारी किया गया और कहा गया कि इसमें शामिल नहीं होने पर अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।”
बागी विधायकों ने कहा कि जब कुछ ने अपना इस्तीफा 10 जुलाई को सौंपा तो सदन में उनके साथ हाथापाई की गई और उन्हें बंधक बनाया गया। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा से पुलिस कर्माचरियों ने उन्हें बाहर निकाला। यह भी कहा गया है कि उनका इस्तीफा “क्रनाटक विधानसभा के रूल्स ऑफ प्रोसीजर ऐंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के नियम 202 के मुताबिक ही हैं।”
12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने 10 असंतुष्ट विधायकों की याचिका पर सुनवाई की थी और विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा और अयोग्यता के मसले पर 16 जुलाई तक मौजूदा स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था।
दो विधायकों ने अलग बैठने की व्यवस्था की मांग
राज्य विधानसभा से 6 जुलाई को 10 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन की सरकार संकट में आ गई थी। यह ध्यान देने वाली बात है कि इस पूरे घटनाक्रम में दो निर्दलीय विधायकों आर. शंकर और एच. नागेश ने भी सत्ताधारी दल से समर्थन वापस ले लिया था और अब उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि विधानसभा में उनके बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की जाए।
भाजपा विश्वासमत को तैयार
कर्नाटक भाजपा के प्रमुख बी.एस. येदियुरप्पा ने कहा कि भाजपा मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को 15 जुलाई को विश्वासमत हासिल करने के लिए दबाव बनाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन बहुमत खो चुकी है और उसका गिरना तय है। उधर, एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने सारी दुविधाओं को खत्म करने के लिए खुद विश्वासमात हासिल करने का फैसला किया है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष से समय तय करने की मांग की है।