प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को हालात का जायजा लेने कश्मीर भेजा है और राज्य सरकार को केंद्र से हर जरूरी मदद मुहैया कराने का वादा किया है। राज्य के ज्यादातर हिस्सों में हुई भारी बारिश के कारण श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के संगम इलाके में झेलम नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है जिसके मद्देनजर अलर्ट जारी करके लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया है कि झेलम नदी के किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है और उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है। बुजर्गों और बच्चों को विशेष तौर पर तैयार शिविरों में जाने को कहा गया है। बाढ़ नियंत्रण के लिए तैनात सभी कर्मियों को तत्काल ड्यूटी पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं।
पंजाब के बठिंडा से 50-50 कर्मियों वाले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें भारतीय वायुसेना के विमान से श्रीनगर के लिए रवाना हुईं। एनडीआरएफ के महानिदेशक (डीजी) ओ. पी. सिंह ने यहां पीटीआई-भाषा से कहा, कश्मीर घाटी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए हमने पहले से ही हमारी दो टीमें तैनात कर दी हैं।
उन्होंने कहा, गाजियाबाद और बठिंडा में चार अन्य टीमों को भी तैयार रखा गया है। डीजी ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और राज्य सरकार बाढ़ की संभावित स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती सहित सारे प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, फिलहाल बाढ़ की आशंका नहीं दिखती। कश्मीर घाटी के इलाकों में कहीं-कहीं जलजमाव हुआ है। अच्छी खबर यह है कि राज्य में पिछले कुछ घंटों से बारिश नहीं हुई है। बहरहाल, मौसम विभाग ने अगले दो तीन दिनों में बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
डीजी ने बताया, हालात बुरे नहीं हैं और हम सभी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। सिंह ने कहा कि जिन टीमों को रवाना किया गया है वह बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं के मुताबिक संचार के साधनों, राहत और बचाव के उपकरणों से लैस हैं। पिछले साल बाढ़ से जलमग्न हुए कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर हुए राहत और बचाव अभियानों में अन्य सुरक्षा बलों के साथ एनडीआरएफ ने अहम भूमिका निभाई थी। राज्य के इतिहास में यह अब तक की सबसे भीषण बाढ़ थी।