रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, रांची) में 2018 में जूनियर डॉक्टरों और नर्सों की हड़ताल के दौरान 28 मरीजों की मौत की जांच सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी।
इससे संबंधित जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति आनंद सेना की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को एक जांच समिति गठित करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि इस समिति की अध्यक्षता सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश करेंगे। अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने इस मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की थी।
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मुख्तार खान ने अदालत को बताया कि इलाज के अभाव में इन मरीजों की मौत हुई थी। उन्होंने बताया कि रिम्स में एक जून 2018 को गलत इलाज के कारण एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों की जूनियर डॉटकरों के साथ झड़प हो गई। इसके विरोध में अगले दिन दो जून को रिम्स के जूनियर डॉक्टर और नर्स हड़ताल पर चले गये, जिससे अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई। जिससे रिम्स में भर्ती 28 मरीजों की इलाज के अभाव में मौत हो गई। करीब 35 मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पाया और 600 से अधिक मरीजों को बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा।
घटना को लेकर जिम्मेदार जूनियर डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ रांची के कोतवाली थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई थी। प्रार्थी की ओर से 28 मरीजों की मौत की जिम्मेदारी तय करने के लिए कमेटी बनाकर जांच कराने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया गया था।