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संकट में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री, चाहते हैं अग्रिम जमानत

लुईस बर्जर रिश्वत मामले में गिरफ्तारी की आशंका के चलते गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने स्थानीय अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दिया है। इस मामले में अपराध शाखा कामत से दो बार पूछताछ कर चुकी है।
संकट में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री, चाहते हैं अग्रिम जमानत

उन्होंने कल इस मामले में जिला और सत्रा अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की। कांग्रेस के नेता कामत 2007 से 2012 तक राज्य के मुख्यमंत्री थे जब न्यूजर्सी की सलाहकार कंपनी ने एक ठेके के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी।

अपराध शाखा ने इस सिलसिले में पिछले सप्ताह पूर्व लोक निर्माण मंत्री चर्चिल अलेमाओ से भी पूछताछ की थी। कल जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) के पूर्व निदेशक आनंद वाचसुंदर ने बिना कोई कारण बताए जिला अदालत से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी। वाचसुंदर अभी पुलिस हिरासत में हैं। लुईस बर्जर के अधिकारियों ने अमेरिकी अदालत में माना था कि वर्ष 2010 में जेआईसीए के तहत जल संवर्धन एवं नाली के लिए पाइपलाइन बिछाए जाने की परियोजना के वास्ते परामर्श कार्य का ठेका हासिल करने के लिए उन्होंने एक भारतीय मंत्री को रिश्वत दी थी। तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी।

परियोजना के लिए 9,76,630 अमेरिकी डॉलर के इस कथित रिश्वत घोटाले में मंत्री को दी गई दलाली शामिल है और अमेरिकी न्याय विभाग ने इसका खुलासा नहीं किया है। जेआईसीए परियोजना के लिए सभी टेंडर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के उल्लेखित मानदंडों के मुताबिक जारी किए गए थे। लुईस बर्जर इसी परियोजना की सलाहकार थी। लुईस बर्जर के पूर्व उपाध्यक्ष सत्यकाम मोहंती को रिश्वत मामले में तीन अगस्त को गिरफ्तार किया गया। स्थानीय अदालत ने बाद में उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

 

इस बीच कामत ने आरोप लगाया है कि लुईस बर्जर रिश्वतखोरी मामले में उन अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिन्होंने मामले में दूसरे लोगों का नाम लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा संदेश फैलाया जा रहा है कि घोटाले के सिलसिले में उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है। कामत ने मंगलवार शाम मरगांव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि वाचसुंदर को अपराध शाखा ने इसलिए गिरफ्तार किया क्योंकि उन्होंने मामले में दूसरे लोगों का नाम लेने से इंकार कर दिया था।

 

उन्होंने कहा, वाचसुंदर से बयान देने के लिए कहा गया था कि जब (मंत्रियों को) रिश्वत दी गई तब वह वहां मौजूद थे। लेकिन वाचसुंदर ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं झूठ नहीं बोलना चाहता। मैं कभी किसी भी चीज का हिस्सा नहीं था। उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। कामत ने कहा सत्यकाम मोहंती के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्हें जांच के लिए बुलाया गया और उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि उन दोनों (अमेरिका में रिश्वत देने का आरोप स्वीकारने वाले कंपनी के दो अधिकारियों) ने क्या किया...उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। कामत ने कहा, इस तरह की स्थिति राज्य के लिए ठीक नहीं है। वे यह संदेश फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि कल को आप को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।

 

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