मानेसर जमीन घोटाला मामले में हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की बेल अर्जी मंजूर करते हुए जमानत दे दी है। हुड्डा को 5-5 लाख रुपए के दो निजी मुचलके (बांड) पर जमानत मिली है। इसके साथ ही उन्हें अपना पासपोर्ट भी जब्त करवाना होगा। मामले की अगली सुनवाई 31 मई को होगी। हुड्डा के साथ उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा और उनके समर्थक विधायक भी मौजूद रहे। मानेसर घोटाले में हुड्डा को मंगलवार को पेश होने के लिए सीबीआई कोर्ट के आदेश थे। अदालत में 19 अप्रैल को हुड्डा ने मेडीकल ग्राऊंड पर हाजिरी माफी ली थी। हुड्डा सहित 4 लोगों ने तब कोर्ट में हाजिरी माफी की अर्जी लगाई थी।
पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत 80 हजार पेजों की चार्जशीट जमा करवा चुकी है। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितम्बर 2016 में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था।
क्या है मामला?
इस मामले में आरोप है कि अगस्त 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर गुड़गांव जिले में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को अधिग्रहण का भय दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी।
मानेसर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश यादव ने इस घोटाले के बारे में शिकायत की थी। बाद में राज्य सरकार की सिफारिश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। शिकायतकर्ता के मुताबिक, तत्कालीन सरकार के अफसरों और बिल्डरों के बीच गठजोड़ रहा है। इसी के चलते उन्होंने मानेसर, नौरंगपुर व लखनौला गांव की करीब 912 एकड़ जमीन को अधिग्रहण करने के लिए सेक्टर 4, 6 व 9 के तहत नोटिस जारी किए। इसके बाद बिल्डर्स ने करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दामों में खरीद ली और बाद में सरकार से उसे रिलीज करवा लिया।