कभी कभी एक छोटी सी वजह किसी के मौत का कारण बन जाती है। रांची के सदर अस्पताल के लिफ्टमैन राहुल की मौत की वजह महज एक सिगरेट बन गई।
तीन दिन पहले अस्पताल के पांचवें तल्ले से गिरने से मौत की खबर आई। पहली नजर में लगा कि आत्महत्या है। मगर उसके पिता हरिहर बैठा ने इसे हत्या करार दिया और अस्पताल के ही दो कर्मी वैभव सोरेन और सत्येंद्र ठाकुर पर साजिशन हत्या का आरोप लगाया। दलील यह कि घटना के तीन दिन पहले ही दोनों आरोपियों के साथ उसकी मारपीट हुई थी। आत्महत्या की कोई वजह नहीं थी। दो माह पहले ही उसकी नौकरी लगी थी। चार साल पहले उसकी शादी हुई थी और उसका दो साल का एक बेटा भी है।
अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा तक नहीं था कि सहज तरीके से मौत की वजह का पता चले। पुलिस पर दबाव बढ़ा तो दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पहले तो सत्येंद्र ने पुलिस को बरगलाने का प्रयास किया कि सब ने मिलकर शराब पी थी उसके बाद क्या हुआ उसे पता नहीं। बाद में सख्ती बरतने पर सत्येंद्र ने अपराध स्वीकार कर लिया। बताया कि वह राहुल के साथ उसी के कमरे में रहता था। घटना की रात वह बगल के दूसरे कमरे में शराब पी रहा था। राहुल बाहर से शराब पी के आया था। तब सत्येंद्र वापस अपने कमरे में आया और बैग से सिगरेट निकालने लगा।
इसी दौरान राहुल ने सिगरेट की मांग की। इनकार करने पर दोनों में तकरार हुआ और मारपीट होने लगी। उसी क्रम में उसने राहुल को धक्का दे दिया। उस समय राहुल खिड़की के किनारे था। पांचवें तल्ले की यह खिड़की खुली हुई थी। बस राहुल सीधा नीचे आ गिरा और उसकी मौत हो गई। गुत्थम-गुत्थी के दौरान राहुल ने सत्येंद्र की गंजी पकड़ ली थी। खिड़की से नीचे गिरते समय गंजी का टुकड़ा फटकर राहुल के हाथ में आ गया था। इससे पुलिस को आरोपी तक पहुंचने में मदद मिली। पुलिस ने सत्येंद्र को जेल भेज दिया है।