गोवा में एक समुद्र तट पर दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर राज्य सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है। वहीं, इस मामले पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एक विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद अब मुख्यमंत्री उस टिप्पणी के लिए विपक्ष की आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। दरअसल, सावंत ने कथित तौर पर कहा था कि माता-पिता को यह आत्ममंथन करने की जरूरत है कि उनके बच्चे रात में इतनी देर तक समुद्र तट पर क्यों थे। इसके बाद अब गोवा के कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गौड़े ने कहा कि राज्य में हर लड़की की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात करना संभव नहीं है।
गौडे ने राज्य विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र से इतर संवाददाताओं से कहा, "समस्या यह है कि अगर किसी को हर व्यक्ति, हर लड़की के लिए एक पुलिसकर्मी तैनात करना है, तो हमें कितनी पुलिस की आवश्यकता होगी? सरकार जिम्मेदारी से नहीं भाग रही है। सरकार रक्षा कर रही है। सरकार लोगों के साथ है।"
गौडे, जो भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का समर्थन करने वाले अकेले निर्दलीय विधायक हैं, ने यह भी कहा कि नाबालिग बच्चों की सुरक्षा माता-पिता और सरकार द्वारा साझा की जाने वाली एक संयुक्त जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, "वह (सीएम) भी पहले ही कह चुके हैं कि यह जानना भी माता-पिता की जिम्मेदारी है कि बच्चे कहां हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है।"
गौड़े ने कहा, "सीएम इस बारे में पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। माता-पिता होने के नाते, उन्होंने कहा है कि माता-पिता, विशेष रूप से यह देखना होगा कि बच्चे कहां जा रहे हैं, क्या बच्चों ने अनुमति ली है, यह माता-पिता और सरकार दोनों की जिम्मेदारी है।"
विपक्ष ने की गई अपनी टिप्पणी पर सीएम से माफी की मांग की थी। बुधवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान एक चर्चा में सावंत ने कहा था कि माता-पिता को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि उनके नाबालिग बच्चों को अंधेरा होने के बाद समुद्र तटों पर समय बिताने की अनुमति क्यों है। 24 जुलाई की रात दक्षिण गोवा के कोलवा बीच पर दो नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म किया गया। अपराध के सिलसिले में एक सरकारी कर्मचारी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।