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शपथ लेते ही सिक्किम के सीएम ने किया चुनावी वादा पूरा, पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की घोषणा

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष पीएस गोले ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके...
शपथ लेते ही सिक्किम के सीएम ने किया चुनावी वादा पूरा, पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की घोषणा

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष पीएस गोले ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके तुरंत बाद उन्होंने अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए राज्य  सरकार के कर्मचारियों के लिए पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की घोषणा की।

गंगटोक स्टेडियम में मौजूद एसकेएम के हजारों समर्थकों ने नेपाली भाषा में शपथ ग्रहण करते समय 51 साल के पार्टी प्रमुख के लिए जयकारे लगाए। पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के वरिष्ठ नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं की। 2013 में बनी एसकेएम ने 32 सदस्यों वाली सिक्किम विधानसभा में 17 सीट जीत कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। एसडीएफ को 15 सीटों पर जीत मिली है।

परिवार की कर सकेंगे देखभाल

गोल ने का कार्यभार संभालने के बाद आला अफसरों के साथ बैठक की और सिक्किम में सरकारी कर्मचारियों के लिए पांच दिवसीय कार्य सप्ताह करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के लिए हमारा यह चुनावी वादा था जिसे पूरा किया है। उन्होंने कहा कि एक दिन की छुट्टी का इस्तेमाल कर्मचारी अपने स्वास्थ्य, अपने माता-पिता और परिवार के सदस्यों की देखभाल के लिए कर सकेंगे।

कौन हैं गोले

गोले का असली नाम प्रेम सिंह तमांग है। चुनाव नहीं लड़ने के कारण गोले इस वक्त राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। नेपाली मां-बाप कालू सिंह तमांग और धान माया तमांग के बेटे गोले का जन्म पांच फरवरी 1968 में हुआ था। गोले ने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से बीए किया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया।

उतार चढ़ाव की रही राजनीतिक यात्रा

तीन साल की सेवा के बाद गोले ने सरकारी नौकरी छोड़ दी और बाद में एसडीएफ में शामिल हो गए। गोले की तीन दशक की राजनीतिक यात्रा उतार चढ़ाव वाली रही है। वह 1994 से लगातार पांच बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए और 2009 तक एसडीएफ सरकार में मंत्री के तौर पर काम किया।

बनाई थी अलग पार्टी

एसडीएफ सरकार के चौथे कार्यकाल के दौरान चामलिंग ने उन्हें मंत्री पद देने से इनकार कर दिया इसके बाद गोले ने पार्टी छोड़ दी और अपनी पार्टी बनाई। उन्होंने सभी एसडीएफ के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और एसकेएम प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में गोले को 1994 और 1999 के बीच सरकारी पैसे की हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराया गया और इसके बाद विधानसभा में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई। उन्होंने सिक्किम हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती दी जिसने फैसले को बरकरार रखा जिसके कारण गोले को समर्पण करना पड़ा। 

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