गोरखपुर में ऑक्सीजन की सप्लाई के बाधित होने से हुई कथित बच्चों की मौत से सबक लेते हुए अब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार चेती है।
सरकार ने अब सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों से इलाज सम्बन्धी उपकरणों एवं गंभीर बीमारियों के इलाज सम्बन्धी उनकी तैयारियों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन नें राजकीय मेडिकल कालेजों के प्राचार्यों व निदेशकों को उनके अधीन डायलेसिस, ब्लड बैंक, महत्वपूर्ण उपकरणों की क्रियाशीलता, एम्बुलेन्स, क्रिटिकल केयर, मेडिकल गैस सप्लाई सिस्टम, फायर फाइटिंग सिस्टम व विद्युत सुरक्षा आदि आधारभूत सेवाओं के सम्बन्ध में रिपोर्ट मांगी हैं। उन्होंने कल ही वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन प्राचार्यों व निदेशकों से वार्तालाप भी किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि राजकीय मेडिकल कालेजो में व्यवस्थाए सुचारू रहें, जिससे मरीजों को उचित इलाज मिलता रहे। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। टंडन ने मेडिकल कालेजों में जीवन रक्षक उपकरणों को निरन्तर क्रियाशील रखने के निर्देश दिये ताकि किसी भी गंभीर रोगी को तत्काल उपचार उपलब्ध हो सके।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि मेडिकल कालेजों/चिकित्सालयों में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मियों का समय पर उपस्थित रहना तथा अपने उत्तरदायित्व/कार्यों का निष्पादन सख्ती से सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
इसके अतिरित उन्होंने तिमारदारों की सुविधा हेतु रैन बसेरा तथा अमृत फार्मेसी की स्थापना हेतु प्रस्ताव भेजने को कहा। उन्होंने मेडिकल कालेजो के फायर-फाइटिंग एवं अग्निशमन यंत्रों की सुरक्षा जांच हेतु तत्काल कार्यवाही के निर्देश अधिकारियों को दिये।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे ने भवनों की भौतिक स्थिति, औषधियों तथा रसायन की उपलब्धता की स्थिति, उपकरणों की क्रियाशीलता तथा क्रिटीकल उपकरणों की समय से ए.एम.सी. कराये जाने के निर्देश राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्यों को दिये।