पंजाब और हरियाणा में धान की खरीद की खरीद की तारीख को फिर से बदलकर तीन अक्टूबर कर दिया गया है। दोनों राज्यों में धान की खरीद कल से होगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस सिलसिले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे से मुलाकात की, जिसके बाद यह घोषणा की गई। धान की खऱीद जल्द करने को लेकर किसानों की ओर से आज कई जगह धरना प्रदर्शन किया गया। सरकार के इस एलान के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने खरीफ फसलों की खरीद जल्द शुरू करने के लिए प्रदर्शन वापस लेने का फैसला लिया।
मॉनसून में देरी की वजह से धान की खरीद को दोनों राज्यों में 11 अक्टूबर तक के लिए स्थगति कर दिया गया था। पहले यह एक अक्टूबर से होनी थी, इसकी वजह से किसान नाराज हो गए और पंजाब-हरियाणा में ब कई स्थानों पर प्रदर्शन किया। किसान पहले से ही केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को, पंजाब और हरियाणा में धान की खरीद को 11 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया था क्योंकि फसल पकी नहीं है और बारिश के कारण उसमें नमी की मात्रा अधिक है। खरीद की प्रक्रिया केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), राज्य की एजेंसियों के साथ मिलकर करती है। धान की खरीद आमतौर पर एक अक्टूबर से शुरू होती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से धान की खरीदने करने का आग्रह किया था।
धान की खरीद में हुई देरी के मुद्दे पर रूपनगर में विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह और मोगा में विधायक हरजोत कमल के घर के बाहर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने बताया कि कानून व्यवस्था बरकरार रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।
पंजाब, हरियाणा में धान की खरीद की तारीख में हुए बदलाव के बाद कांग्रेस ने कहा है कि यह किसानों की जीत है। प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कि यह किसानों की जबरदस्त जीत है. किसानों की धान खरीद को 11 अक्टूबर तक टालने के मोदी सरकार के अहंकारी फैसले को आखिर किसानों के दबाब में वापस लेना ही पड़ा।
इस बीच, हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कहा था कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन ‘हर रोज हिंसक होता जा रहा है।’ विज ने ट्वीट किया, “किसान आंदोलन हर रोज हिंसक होता जा रहा है। महात्मा गांधी के देश में हिंसक आंदोलन को स्थान नहीं दिया जा सकता।”