केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर बड़ा फैसला लिया। दरअसल, कैबिनेट की बैठक में चिह्नित 1,797 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला किया है। सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनी में रहने वाले कम-से-कम 40 लाख लोगों को मालिकाना हक मिलेगा। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, “इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक दिया जाएगा, चाहे वे सरकारी या निजी जमीन पर रह रहे हों।”
उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग घर बनाने के लिए अब लोन ले सकेंगे। पुरी ने कहा कि ऑनरशिप मिलने के बाद इन कॉलोनियों में सड़कें बनेंगी, सीवर बनेगा, पार्क बनेगा। उन्होंने कहा कि बेहद मामूली रेट पर जमीन की रजिस्ट्री होगी। सरकार ने इस कदम को दिल्ली के लिए दूरगामी, विकासशील और क्रांतिकारी कदम बताया है।
पुरी ने कहा कि यह प्रस्ताव एक समिति की सिफारिश पर आधारित है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में ही होने वाले हैं। इस फैसले की घोषणा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक में की।
इस साल जून में दिल्ली सरकार ने 1,797 कॉलोनियों को नियमित करने के लिए केंद्र सरकार को मापदंड भेजा था। दिल्ली सरकार ने इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों से 200 वर्ग मीटर प्रति प्लॉट के हिसाब से लैंड सर्कल की एक फीसदी कीमत वसूलने का प्रस्ताव भी किया था।
दिल्ली में कॉलोनियों को नियमित करने के फैसले का अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है।