मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि, यह मामला गुजरात के छोटा उदयपुर का है, जहां पहली क्लास में एडमिशन लेने वाले छात्रों को प्रशासन की तरफ से स्कूल बैग्स दिए गए थे। इस दौरान सीएम विजय रुपानी और कई मंत्रियों के अलावा राज्य के तमाम आला अफसर भी मौजूद थे।
दरअसल, बैग्स पर अखिलेश यादव की फोटो लगे होने का मामला तब सामने आया जब बैग पर लगा जिला शिक्षण शाखा छोटा उदयपुर का स्टिकर 3-4 दिन बाद हटा तो इसके नीचे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीर दिखने लगी।
गौरतलब है कि छोटा उदयपुर की जिला पंचायत ने 12 हजार बैग का ऑन लाइन टेंडर निकाला था। सूरत की एक कंपनी ने 124 रुपए की कीमत पर बैग सप्लाई करने का टेंडर भरा। कम कीमत की वजह से इस कंपनी को बैग का ऑर्डर दे दिया गया। अगर टेंडर भरने से पहले या फिर बैग की सप्लाई से पहले इसकी जांच की गई होती तो स्टिकर के नीचे अखिलेश यादव की तस्वीर का सच सामने आ जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
खबर है कि सूरत की जिस कंपनी ने यहां बैग की सप्लाई का टेंडर हासिल किया, वो यूपी में भी इसी तरह के बैग की सप्लाई करती रही है और अखिलेश सरकार जाने के बाद बेकार पड़े पुराने स्टॉक को उसने गुजरात में ठिकाने लगाने की कोशिश की।