गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 में सोमवार यानी आज नतीजों का दिन है। गुजरात में सभी 33 जिलों की 182 सीटों पर मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही थी, लेकिन अब बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला नहीं है, दोनों के बीच सीटों का अंतर काफी बढ़ गया है।
विजय रुपाणी
गुजरात विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं। राजकोट (पश्चिमी) विधानसभा सीट से रुपाणी ने कांग्रेसी उम्मीदवार इंद्रनील राजगुरु को 53,755 हजार से अधिक वोटों से हराया। शुरुआती रुझान में रुपाणी पीछे चल रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने बढ़त बना ली और आखिरकार जीतने में कामयाब रहे।
परेश धनानी
कांग्रेस के युवा नेता परेश धनानी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के बवकुभाई उधाड को 12 हजार 23 मतों से शिकस्त दी है। अमरेली पाटीदार आंदोलन के प्रमुख केंद्र बिंदुओं में से एक है। कांग्रेस ने फायरब्रांड युवा नेता परेशभाई धनानी को अमरेली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के परेश धनानी ने भाजपा के दिलीप संघानी को हराकर सीट पर कब्जा किया था।
गुजरात विधानसभा चुनाव-
उम्मीदवार चुनाव क्षेत्र पार्टी स्टेटस
- विजय रुपाणी राजकोट पश्चिम बीजेपी 53,755 वोटों से जीते
- अर्जुन मोढवाडिया पोरबंदर कांग्रेस करीब 2000 वोटों से हारे
- शक्ति सिंह गोहिल मांडवी-कच्छ कांग्रेस 9,046 वोटों से पीछे
- जिग्नेश मेवाणी वडगाम आईएनडीसी 19,693 वोटों से जीते
- अल्पेश ठाकोर राधनपुर कांग्रेस 14,857 वोटों से जीते
- नीतिन पटेल मेहसाणा बीजेपी करीब 12,000 वोटों से आगे
- परेश धनानी अमरेली कांग्रेस 12,000 वोटों से जीते
- जीतू वघानी भावनगर पश्चिम बीजेपी करीब 27,185 वोटों से जीते
बस कुछ ही देर में यह साफ भी हो जाएगा कि गुजरात में किसकी सरकार बनने वाली है। अब यह देखना है कि क्या बीजेपी एक बार फिर सत्ता पर काबिज हो पाएगी, प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपनी रणनीति में सफल साबित होंगे या भाजपा के 22 साल के शासन के बाद राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर जैसे युवा नेताओं के साथ सत्ता में वापसी करेगी।
गुजरात चुनाव में जीत के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है। एक तरफ जहां आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए यह मोदी लहर को भांपने के लिहाज से देखा जा रहा है, तो वहीं कांग्रेस इस चुनाव की बदौलत अपनी खोई ताकत को वापस पाने के लिए बड़े मौके के तौर पर देख रही है।